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SUPER EXCLUSIVE : रायपुर में 100 साल पुराना परेतिन मंदिर, यहाँ देवी-देवताओ की नहीं चुड़ैल की होती है पूजा, छोटे बच्चों की समस्या तुरुंत दूर करती है माता, देखिए

रायपुर, : अभी तक आप सभी ने देवी-देवताओं की पूजा के बारे में तो सुना है। लेकिन क्या आप में से किसी ने भी परेतिन पूजा के बारे में सुना है। जी हां परेतिन पूजा। राजधानी से लगे सडढू गांव में परेतिन की पूजा की जाती है। परेतिन की पूजा से बच्चों का स्वास्थ्य व परिवार में समृद्धि आने की बात कही जाती है। मान्यता है कि यहां पूजा में चढ़ाया हुआ प्रसाद घर नहीं ले जाया जाता। साथ ही परेतिन की पूजा में महिलाएं शामिल नहीं होती हैं। यह पूरे प्रदेश के लिए अनोखी पूजा है। जहां नारियल, चूड़ी, मुर्रा व सुपाड़ी चढ़ाकर लोग पूजा करते हैं।यहां तक कि नवरात्र में कलश स्थापना के पूर्व मंदिरों व पंडालों में पूजा से पहले परेतिन को भी आमंत्रित किया जाता है। कहा जाता है गांव की देवी है। किसी एक देवी अनुपस्थिति में कैसे इतना बड़ा पर्व संपन्न हो सकता है।गांव के बड़े बुजुर्गो का मानना है कि सालों पहले जब यहां सुनसान हुआ करता था। तब से यहां परेतिन की मंदिर है। और तभी से लोग यहां पूजा पाठ कर रहे हैं। यहां पूजा पाठ कराने से रोते हुए बच्चे शांत हो जाते हैं। ऐसी यहां की मान्यता है।स्थानीय लोंगों की मान्यता है कि गर्भवती महिला के डिलवरी होने के बाद घर का कोई भी पुरुष सदस्य यहां पूजा करने आता है और अपने बच्चे की खुशहाली और समृद्धि कि कामना करता है। परेतिन की अनदेखी करहने पर उस परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।परेतिन की खास पूजा मंगलवार व शनिवार को की जाती है। साथ यहां चढ़ाया हुआ प्रसाद कोई भी घर नहीं ले जाता है। बाहर ही खा लिया जाता है।

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