दंतेवाड़ा। जिले में नक्सलगढ़ की एक गर्भवती महिला के लिए जवान देवदूत बन गए। नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन पर निकले जवानों ने गर्भवती महिला को कांवड़ के जरिए एंबुलेंस तक पहुंचाया। जवानों ने कांवड़ के सहारे करीब 10 किलोमीटर का दुर्गम रास्ता तय किया।
पुलिस को सूचना मिली थी कि, बैलाडीला की पहाड़ी के नीचे बसे लोहा गांव के आसपास नक्सली मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर जवानों को सर्च ऑपरेशन पर रवाना किया गया था। जब जवान यहां पहुंचे तो गांव की एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से जूझ रही थी। परिजन उसे अस्पताल ले जाने के लिए परेशान हो रहे थे। गांव में न तो सड़क है और न ही कोई स्वास्थ्य सुविधा।
जवानों ने महिला को प्रसव पीड़ा में देखकर उसे अपने साथ एंबुलेंस तक ले जाने का फैसला किया। जवान कांवड़ में महिला को बैठाकर किरंदुल लाने के लिए निकले। करीब 10 किमी पहाड़ी, जंगल और नदी-नालों को पार कर जवान किरंदुल से पहले एक गांव पहुंचे, जहां से एंबुलेंस के जरिए महिला को किरंदुल अस्पताल भिजवाया गया।