Sky Force Review: आज से सिनेमाघरों में रिलीज हुई सच्ची घटना पर आधारित ‘स्काई फोर्स’, फिल्म देखने से पहले पढ़ ले मूवी रिव्यू

Sky Force Review: नई दिल्ली। 15 अगस्त या 26 जनवरी का मौका आता है तो देशभर में देशभक्ति की लहर दौड़ पड़ती है। सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि सिनेमाघरों में सेलेब्स भी अपनी देशभक्ति फिल्मों के जरिए भारत की गौरवगाथा का जश्न मनाते हैं। इस बार गणतंत्र दिवस (Republic 2025) के अवसर पर सुपरस्टार अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म स्काई फोर्स को बड़े पर्दे पर रिलीज किया गया, जिसका लंबे समय से फैंस इंतजार कर रहे थे। इस बीच हम आपके लिए स्काई फोर्स (Sky Force Review) का रिव्यू लेकर आए हैं, जिससे पढ़ने के बाद आप ये आसानी से तय कर पाएंगे कि ये फिल्म देखने लायक है या नहीं।
फिल्म स्काई फोर्स की कहानी?
यह मौका है दुश्मन को दिखाने का कि हम कौन है? ‘द टाइगर’ जब हमला करता है तो वो अपने शिकार की गर्दन तोड़के उसे चीड़ फाड़ देता है हम भी वहीं करेंगे। हमारे अंदर जो आग भरी है उसे हम सरगोधा में बरसाएंगे और पाकिस्तानियों के खरपच्चे उड़ा देंगे। याद रखें हमारे लक्ष्य का उद्देश्य अपने देश के लिए मरना नहीं बल्कि मारना है। अब हम इतिहास रचने जा रहे हैं।
फिल्म एक दृश्य में यह संवाद जब विंग कमांडर के. ओ. आहूजा (अक्षय कुमार) बोलते हैं तो उनके मातहत पायलट जोश से भर जाते हैं और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कस लते हैं। मुद्दा साफ है कि शांति पसंद भारत पर हमला होगा वह चुप नहीं रहेगा। सच्ची घटना पर आधारित स्काई फोर्स साल 1965 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए पहली बार किए गए हवाई हमले पर आधारित है। इस मिशन को नाम दिया गया था स्काई फोर्स। इस युद्ध के दौरान स्क्वाड्रन लीडर ए बी देवैया भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के 1 स्क्वाड्रन में सेवारत थे, जिसे टाइगर्स के रूप में जाना जाता है। दिल में देशभक्ति और अपनी बुद्धिमत्ता के दम पर देवैया ने अपने साहस से 1965 की जंग और एविएशन इंडस्ट्री दोनों को बदलकर रख दिया था। यह फिल्म उन्हीं के शौर्य पर आधारित है।
कहानी का आरंभ साल 1971 में भारतीय वायुसेना के स्टेशन पर पाकिस्तानी वायुसेना के हमले से होता है। इस दौरान एक पाकिस्तानी पायलट अहमद हुसैन (शरद केलकर) को युद्ध बंदी बना लिया जाता है। आईएएफ के विंग कमांडर के ओ आहूजा (अक्षय कुमार) उससे पूछते हैं कि उसे पाकिस्तानी गैलेंट्री अवार्ड क्यों दिया गया जबकि वह 1965 का युद्ध हार गए थे। वहां से अतीत की परदे खुलनी शुरू होती है। कहानी 1965 में लौटती है।
अंत में ये भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर टी विजय (वीर पहाड़िया) के बलिदान तक पहुंचती है। उनके दोस्त और अहूजा किस तरह से उनकी पहचान और वीरगति को दिलाते हैं, ये इस फिल्म का सेंट्रल प्वाइंट रहा है।
पहले हाफ तक तो स्काई फोर्स थोड़ी सी सस्पेंस से भरी लगती है, लेकिन सेकंड हाफ के बाद इसकी कहानी में काफी ट्विस्ट एंड टर्न्स आते हैं, जो इसे देखने लायक मूवी बनाते हैं। सारा अली खान ने टी विजय की पत्नी गीता तो निमरत कौर ने आहूजा की पत्नी की भूमिका को अदा किया। फिल्म में देशभक्ति डायलॉग्स की भरमार है। इसके अलावा एक्शन सीक्वेंस और गाने आपको बोर नहीं होने देंगे।
सच्ची घटना पर आधारित स्काई फोर्स
दरअसल स्काई फोर्स भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर अज्जामद बोपय्या देवय्या (Ajjamada Boppayya Devayya) की सच्ची कहानी है। किस तरह से 1965 में पाकिस्तान से हवाई युद्ध के दौरान उन्होंने दुश्मन देश की सीमा के अंदर जाकर विरोधियों के छक्के के छुड़ा दिए। उनकी वीरता और बहादुरी का परिचय देती इस मूवी में वीर पहाड़िया ने ए बी देवय्या के किरदार को निभाया।
वह पहले भारतीय वायुसेना अधिकारी थे जिन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। वीर फिल्म में स्मार्ट तो लगें, लेकिन उनको अपने हाव-भाव पर काम करने की जरूरत है। इसके अलावा फिल्म में उनके हिस्से में डायलॉग्स भी कम आते हैं।
स्काई फोर्स का निर्माण फिल्ममेकर्स दिनेश विजान और अमर कौशिक के मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले हुआ है। जिन्होंने इससे पहले बीते साल स्त्री 2 जैसी रिकॉर्ड़तोड़ कलेक्शन करने वाली फिल्म दी थी। संदीप केवलानी और अभिषेक अनिल कपूर ने डायरेक्शन की बागडोर संभाली है, जो काफी हद तक असरदार रही है।
फिल्म का स्क्रीनप्ले आमिल कीयान, निरेन भट्, कार्ल आस्टिन और संदीप केवलानी ने मिलकर लिखा है। सिनेमैटोग्राफी की बात की जाए फाइटर प्लेन की लड़ाई वाले एक्शन सीक्सेंस में VFX के जरिए वास्तविकता की धरातल पर उतारने की कोशिश की गई है। हालांकि, कुछ सीन देखकर आपको ऋतिक रोशन की फाइटर की याद आ जाएगी।
कैसी है स्टार कास्ट की एक्टिंग
अक्षय कुमार स्काई फोर्स से पुरानी फॉर्म में लौटते हुए नजर आएं हैं। इससे पहले हॉलिडे और एयरफोर्स जैसी मूवीज में वह ये काम बखूबी कर चुके हैं। डेब्यू फिल्म के आधार पर वीर पहाड़िया ने कमाल की एक्टिंग की है। जबकि सारा अली खान और निमरत कौर ने भी अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।