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आंदोलनकारियों का राज्योत्सव प्रारंभ,प्रथम सत्र में आंदोलनकारी बैठे मंत्रणा पर राज्य की दशा दिशा पर लिया गया महत्वपूर्ण

प्रदेश भ्र्ष्टाचारियों के शिकंजे में, जंगल कानून व्यवस्था दलालों के हाथ,राज्य निर्माण का सपना अधूरा छत्तीसगढ़ियों को शत प्रतिशत रोजगार कृषि को उद्योग का दर्जा मिले

रायपुर. हांडीपारा स्थित छत्तीसगढ़ी भवन रायपुर में आज दोपहर 01 बजे से राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में राज्य आंदोलनकारी छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी द्वारा 31 अक्टूबर 22 को 02 सत्रों में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।प्रथम सत्र की अध्यक्षता राज्य आंदोलनकारी छ्सपा के प्रदेश अध्यक्ष दाऊ जी.पी. चंद्राकर ने किया।कार्यकर्ताओं को छ्सपा के कार्यकारी अध्यक्ष राज्य आंदोलनकारी श्री अनिल दुबे, दीनदयाल वर्मा,चेतन देवांगन, लालाराम वर्मा,इंजी.अशोक ताम्रकार,डॉ.पंचराम सोनी,गिरधारी सिंह ठाकुर,योगेंद्र यादव,किसान नेता नंदकिशोर यादव,चैनुराम साहू,तारेंद्र यादव, श्रीमती मुनुबाई पटेल, राधाबाई सिन्हा,कु.रितु महंत आदि ने संबोधित किया।
कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए राज्य आंदोलनकारी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अनिल दुबे जी ने कहा कि हम लोगों का राज्योत्सव 23 वां है।क्योंकि हम लोगों ने 01 नवंबर 2000 को भब्य जुलूस निकालकर राज्य उत्सव मनाया था।जबकि शासन ने 01 नवंबर 2001 से मानना प्रारंभ किया। छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्न दृष्टा एवं आंदोलनकारियों का सपना था कि शोषण मुक्त छत्तीसगढ़िया राज बने।लेकिन 22 वर्ष में उद्देश्य की पूर्ति न कर शोषण भ्र्ष्टाचार का अड्डा बना दिया सत्ताधारियों ने।इसलिए राज्य आंदोलनकारियों ने आज संकल्प लिया है कि राज्य निर्माण के उद्देश्य को पूरा करने तक संघर्ष करते रहेंगे।साथ ही साथ शोषण भ्र्ष्टाचारियों का जनता के सामने भंडा भोड़ कर सत्ता से बाहर करके रहेंगे।महासचिव दीनदयाल वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से कौरव पाण्डव के बीच महाभारत की लड़ाई में भगवान कृष्ण ने धर्म का साथ दिया था और धर्मी,मानववादियों पांडवों को जीत दिलाया था।उसी प्रकार से राज्य आंदोलनकारी एवं सत्याग्रही किसान ने धर्म और नीति का साथ लेकर आंदोलन किया है।इसलिए हर मोड़ पर प्रत्येक संघर्ष में उनकी जीत हुई है।कार्यक्रम के अध्यक्ष दाऊ जी.पी. चंद्राकर ने कहा कि हमारे पुरखों ने जिस उद्देश्य से राज्य निर्माण किया था।राज्य तो बन गया लेकिन शोषण भ्र्ष्टाचार कम नहीं हुआ ।बाहरी लोग यह व्यापार, सरकार और नौकरशाही में काबिज हो गए।छत्तीसगढ़ शोषण का चारागाह बन गया।स्थानीय छत्तीसगढ़िया शोषित,पीड़ित और उपेक्षित रह गया।इसलिए हम लोगों को आज संकल्प लेना है जब तक छत्तीसगढ़ शोषण मुक्त नहीं हो जाता तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। दूसरा सत्र में रात्रि 08 बजे से 2 बजे तक लोक कलाकार श्री लक्ष्मी नारायण निषाद के मंडली के पुरवईया झमाझम द्वारा छत्तीसगढ़ी गीत नाच और प्रहसन होगा।इस सत्र के मुख्य अतिथि पद्मश्री मदन चौहान (सूफी गायक )विशेष अतिथि रामेश्वर शर्मा (कवि गीतकार)एवं अध्यक्षता राज्य आंदोलनकारी छसपा के प्रदेश अध्यक्ष जी.पी.चंद्राकर जी होंगे।इसी सत्र में अतिथियों द्वारा रायगढ़ के राज्य आंदोलनकारी श्री जगदीश मेहर जी का सम्मान आचार्य नरेंद्र दुबे स्वतंत्रता सेनानी एवं राज्य आंदोलन के पुरोधा के नाम से सम्मानित किया जाएगा।राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान करने का श्रेय राज्य आंदोलन कारी छ्सपा को जाता है।

 

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