Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana: राजीव गांधी न्याय योजना किसानों के साबित हो रही वरदान, बढ़ी आय और मिला संबल होने जरिया, खेती के लिए अनावश्यक ब्याज देने से मिला छुटकारा
रायपुर। यह देश के किसानों के लिए अपने-आप में ही एक बड़ी योजना है। इस योजना से प्रदेश के किसानों को 9000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि सरकार दे रही हैं। यह सहायता राशि मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना का उत्पादन करने वाले किसानों को सरकार दे रही है। इस योजना के तहत किसानों को आगामी खरीफ सीजन की तैयारी के लिए कुछ सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
किसानों को फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने और इस योजना के तहत किसानों को आगामी खरीफ सीजन की तैयारी के लिए कुछ सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। इस योजना के तहत राज्य में 23.99 लाख किसानों के बैंक खातों यह राशि में सीधे इनपुट सब्सिडी के रूप में हस्तांतरित की जाती है। इसमें खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान लेने वाले, खरीफ की अन्य फसलें लेने वाले, धान के बदले दूसरी फसल लेने वाले और पेड़ लगाने वाले किसान शामिल हैं।
प्रति एकड़ 10 हजार तक की मिलती है सब्सिडी
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इस योजना से प्रदेश के किसानों को बड़े पैमाने पर लाभ मिल रहा है। यह किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने में लाभकारी सिद्ध हुआ है। इस योजना से प्रेरित होकर जिले के कई युवाओं ने खेती को अपनाया है। बता दें कि, राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सरकार प्रति एकड़ 9 से 10 हजार रुपये तक की सब्सिडी देती है। वहीं, धान उगाने के स्थान पर कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य पोषक धान, केला, पपीता या वृक्षारोपण की खेती के लिए 10,000 रुपये प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी राशि दी जा रही है। धान की खेती के बजाय वृक्षारोपण का विकल्प चुनने वाले किसानों को 3 साल के लिए इनपुट सब्सिडी की राशि मिलती है।
किसानों के लिए मददगार, राजीव गांधी किसान न्याय योजना
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राजनांदगांव जिले के किसानों को खरीफ वर्ष 2021 के लिए 1 लाख 13 हजार 343 किसानों को 3 किस्तों में 234 करोड़ 90 लाख 25 हजार रुपये की राशि का भुगतान किया जा गया। यह राशि किसानों के लिए काफी मददगार साबित हुई। इससे किसानों को उच्च उपज के लिए उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने के अलावा उन्नत बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीदने के लिए सहायता मिली। कृषि विभाग की शाकंभरी, किसान समृद्धि, उथला नलकूप, चेक डैम निर्माण योजनाओं के माध्यम से पिछले चार वर्षों में राजनांदगांव जिले में सिंचाई क्षेत्र में 15,858 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
लाभान्वित किसानों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया किसनिहा मुख्यमंत्री
वहीं, मुंगेली जिले के सरगांव में आयोजित कार्यक्रम भरोसे के सम्मेलन में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त मिलने पर किसानों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा कि, इस योजना से किसानों को ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि, किसान संतोष धृतलहरे, दादूराम साहू सहित अन्य किसानों ने एक स्वर में कहा कि, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त मिलने पर संबल मिला है। साथ ही उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसनिहा मुख्यमंत्री है। वे किसानों के दर्द को समझते हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। सभी ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की मात्रा 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, अब अतिरिक्त धान को औने-पौने दाम पर बेचने की मजबूरी नहीं रहेगी।
क्या बोले लाभान्वित किसान संतोष धृतलहरे और दादूराम साहू
वहीं, संतोष धृतलहरे ने बताया कि, उसके पास 22 एकड़ कृषि भूमि है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्हें 4 किश्तों में 2 लाख 28 हजार 417 रूपए प्राप्त हुए हैं। वे संयुक्त परिवार में रहते है। उन्होंने बताया कि, इस राशि को अच्छे उत्पादन के लिए खेती-बाड़ी में खर्च करते हैं। यह योजना हमारे लिए वरदान साबित हुई है। साथ ही उन्हें बच्चों की शादी में भी इस राशि से सहूलियत मिली है। इसी प्रकार लौहदा के किसान दादूराम ने भी बताया कि वे 20 एकड़ में खेती किसानी करते हैं। उन्हें इस योजना में चौथी किश्त मिलाकर एक लाख 68 हजार रुपए मिले हैं। उनका कहना है कि, इससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने का एक अवसर मिला। साथ ही खेती-किसानी के लिए साहूकारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और न ही अनावश्यक ब्याज देने की जरुरत पड़ती है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिलने वाली राशि से उनकी जरूरतों को भी पूरा करने में सहायता मिल रही है।