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राज्य सरकार की योजना का हो रहा लाभ, तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मिल रही सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक मदद, मुश्किल वक्त पर भी संभल रहे परिवार

chhattisgarh govt yojana
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रायपुर। शहीद महेंद्र कर्मा की जयंती पर तेंदूपत्ता का संग्रहण (व्यापार एवं विकास) करने वाले परिवारों के लिए एक नई योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहको को आज ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मुुश्किल वक्त में सहारा देने का कार्य कर रही है। जब किसी कारणवश परिवार के मुखिया की दुर्घटना अथवा अकाल मृत्यु होने की स्थिति में परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता था, लेकिन अब योजनाओं से मुश्किल समय में परिवारों को आर्थिक संबल मिल रहा। इस योजना अन्तर्गत तेन्दूपत्ता के पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु होने पर उसके नामांकित उतराधिकारी को 4 लाख रुपए की राशि अनुदान सहायता राशि देने का प्रावधान है।

Chhattisgarh State Minor Forest Produce
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(व्यापार एवं विकास) छत्तीसगढ़ सरकार की कल्याणकारी योजना, शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना से तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले परिवारों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में निवासर्त तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को, परिवार के मुखिया जिसकी 18 से 50 वर्ष की उम्र में सामान्य मृत्यु होने पर उसके नामांकित उतराधिकारी को 2 लाख रुपए की राशि अनुदान सहायता राशि देने का प्रावधान है। (व्यापार एवं विकास) दरअसल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 अगस्त 2020, शहीद महेंद्र कर्मा की जयंती पर तेंदूपत्ता का संग्रहण करने वाले परिवारों के लिए एक नई योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहको को आज ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मुुश्किल वक्त में सहारा देने का कार्य कर रही है। जब किसी कारणवश परिवार के मुखिया की दुर्घटना अथवा अकाल मृत्यु होने की स्थिति में परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता था, लेकिन अब योजनाओं से मुश्किल समय में परिवारों को आर्थिक संबल मिल रहा है।

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वहीं, इस मामले में वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना में प्रकरणों का निपटारा एक महीने में हो जाएगा। इस योजना से प्रदेश के 12.5 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक लाभान्वित होंगे। छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना प्रारंभ की गयी है। इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा किया जाएगा।

जानिए क्या है शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना ?


शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना छत्तीसगढ़ सरकार की नई योजना है जिसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मुखिया की मौत होने पर 4 लाख रुपए तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। वहीं, डीएफओ सुश्री स्टाइलो मंडावी ने बताया कि शहीद महेन्द्रकर्मा तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना अन्तर्गत तेन्दूपत्ता के पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया जिसकी मृत्यु 18 से 50 वर्ष की उम्र में सामान्य मृत्यु होने पर उसके नामांकित उतराधिकारी को 4 लाख रुपए की राशि अनुदान सहायता राशि देने का प्रावधान है एवं इस योजना के अन्तर्गत दुर्घटना से मृत्यु होने की दशा में राशि 2 लाख अतिरिक्त रुप से दिये जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रुपये की राशि तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में 01 लाख रुपये की सहायता अनुदान दिये जाने का प्रावधान है।

क्या है इस योजना का उद्देश्य


इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के तेंदुपता मजदूरो की आर्थिक रूप से और सामाजिक मदद करना है ताकि संकट की स्थिति मे इन परिवार को किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना न करना पड़े। इस योजना के तहत इन लोगो का 4 लाख रुपए तक का बीमा किया जाएगा। इसके अलावा पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 50 से 59 वर्ष के बीच में सामान्य मृत्यु होने पर नामांकित उतराधिकारी को 30 हजार रुपए, दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 75 हजार रुपये तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37 हजार 500 रुपये की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाने की प्रावधान है। इसी प्रकार संघ संचालित सामुहिक सुरक्षा योजना 1 अप्रैल 2020 से लागू किया गया है, जिसमे 18 से 60 वर्ष तक तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया को छोड़कर परिवार के अन्य पंजीकृत सदस्य की इस योजना के तहत आकस्मिक मृत्यु एवं दुर्घटना से मृत्यु होने पर 12 हजार रुपये की दावा राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है।

 

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अब तक करोड़ों रु. स्वीकृती
जिला यूनियन रायगढ़ अंतर्गत शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 328 संग्राहक को 5 करोड़ 29 लाख 25 हजार एवं संघ संचालित सामुहिक सुरक्षा योजना के तहत 139 संग्राहकों को 16 लाख 68 हजार रुपये प्रदाय किए गए है। इसी तरह जिला यूनियन धरमजयगढ़ अंतर्गत शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 157 संग्राहकों को 2 करोड़ 47 लाख 50 हजार रुपये तथा समूह बीमा योजना अंतर्गत 148 संग्राहकों को 17 लाख 76 हजार रुपये प्रदाय किए गए है। इस प्रकार जिले में रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ वनमण्डल अन्तर्गत कुल 772 हितग्राहियों को दोनों योजनाओं के माध्यम से वर्ष 2021-22 में कुल 8 करोड़ 11 लाख 19 हजार की राशि वितरित की गई।
इसी तरह वन मंडलवार बालोद के 89 प्रकरणों में 01 करोड़ 29 लाख रूपए, कवर्धा के 52 प्रकरणों में 74 लाख रूपए, धमतरी के 137 प्रकरणों में 01 करोड़ 78 लाख रूपए तथा गरियाबंद के 390 प्रकरणों में 05 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। महासमुंद के 344 प्रकरणों में 05 करोड़ 30 लाख रूपए, बलौदाबाजार के 47 प्रकरणों में 72 लाख रूपए, सरगुजा के 59 प्रकरणों में 01 करोड़ 11 लाख रूपए तथा सूरजपुर के 73 प्रकरणों में 01 करोड़ 31 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इसके अलावा बलरामपुर के 172 प्रकरणों में 03 करोड़ 2 लाख रूपए, कोरिया के 38 प्रकरणों में 57 लाख रूपए, मनेन्द्रगढ़ के 47 प्रकरणों में 81 लाख रूपए तथा जशपुर नगर के 75 प्रकरणों में 01 करोड़ 12 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है।

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कौन होंगे पात्र
1. आवेदक छत्तीसगढ़ का स्थायी निवाशी होना चाहिए।
2. केवल तेंदुपता संग्राहक परिवार ही इस योजना का लाभ ले सकता है।
3. आवेदक की उम्र 59 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए

इन्हें मिला योजना का लाभ
पुसौर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम-लहंगापाली निवासी धनुर्जय सिदार ने बताया की तेंदूपत्ता का अच्छा मूल्य मिल रहा है। गत वर्ष वे 8 से 12 हजार रुपये तक का तेंदूपत्ता व्रिकय कर चुके है। नावापाली निवासी श्रीमती बहरतीन सिदार ने बताया कि तेंदूपत्ता तोडऩे के पैसे के साथ बोनस भी मिलता है, इसके अलावा उन्हें और अन्य योजनाओं का लाभ भी मिला है। नावापली निवासी राजकुमार सिदार बताते है कि उनका परिवार तेंदूपत्ता तोडऩे का कार्य भी करते है। विभागीय योजना के तहत पिता की मृत्यु पर उन्हें सहायता राशि भी प्राप्त हुई थी। जिससे उनके परिवार को काफी मदद मिली। इसी प्रकार विभागीय योजना से बच्चों को वार्षिक छात्रवृत्ति मिलती है।

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