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तिरछी नजर : ईडी कार्रवाई पर मीडिया की काना-फूसी

छत्तीसढ़ में ईडी की धमक से सियासी और प्रशासनिक गलियारों में सन्नाटा तो पहले से ही सन्नाटा है, अब मीडिया जगत में भी ईडी की पूछताछ से कनाफूसी शुरू हो गई है। दरअसल, ईडी ने छत्तीसगढ़ के एक बड़े मीडिया घराने से संबंधित लोगों को भी तलब किया था। यह समूह कोल और माइनिंग कारोबार से भी जुड़ा है। बताया जा रहा है कि इस घराने के दो बड़े उच्चाधिकारियों को एक से अधिक बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। चर्चा है कि पहली बार में समूह के दोनों बड़े लोगों ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया था, लेकिन ईडी की कड़ाई के बाद दोनों ने कई राज खोले हैं और करोड़ों के लेन-देन की बात को स्वीकार किया है। जिसको लिपीबद्ध कर लिया गया है। ईडी ने कोर्ट में जो चालान प्रस्तुत किया है, उसका इसमें जिक्र भी है।

बैंकाक-पटाया सीधे विमान ?
रायपुर में विमान यात्रियों की बढ़ती संख्या और पर्यटकों के पास लबालब पैसा होने के संकेत के बाद विमानन कंपनियों ने बैंकाक पटाया के लिए सीधे विमान प्रारंभ करने का आफर राज्य सरकार को दिया है। अभी रायपुर से कलकत्ता होते बैंकाक जाना पड़ता है। नई सेवा रायपुर से सीधे बैंकाक पटाया चालू करने विमान कंपनियां कुछ शर्तो के साथ तैयार है। रायपुर से हर शनिवार व रविवार बैंकाक जाने वालों की संख्या सैकड़ो में रहती है। विमानन कंपनियों ने कहा है सीट खाली रहेगी तो आधा पैसा सरकार को देना पड़ेगा। सरकार ने बदनामी के डर में प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया।

कर्मचारी को मिला सुरक्षा..
माननीय जनप्रतिनिधि और प्रथम श्रेणी अधिकारियों को ही सुरक्षा का हवाला देते हुए पी.एस.ओ.गृह विभाग प्रदान करता है । प्रदेश में अब एक सरकारी कर्मचारी को भी पी.एस.ओ मिल गया। नियम कानून की जानकार मंत्रालय में पदस्थ तेज तर्रार एक महिला अधिकारी को राज्य सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्बता दिखाते हुए यह सुविधा दी है। इस कर्मचारी के शासकीय कर्तव्यों के पालन में कुछ लोगों ने व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश की। दुरस्त बस्तर सरगुजा में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारी व मंत्रालय में पदस्थ भी अब इसी तरह सुविधा की तलाश में है।

मंत्रालय में सन्नाटा
मुख्य सचिव अमिताभ जैन महानदी भवन के तीसरे मंजिल में बैठते हैं। पहले इस मंजिल में धमक वाले अनुभवी अधिकारियों की उपस्थिति रहती थी। चौथे मंजिल में सी.एम, सचिवालय है। 4 साल में सी.एम. 14 बार तक नहीं गये हैं। सीनियर आई.ए.एस अफसरों की कमी स्पष्ट रुप से दिखती है ।अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के बैठने के लिए आरक्षित कमरे अब खाली-खाली रहते हैं। मंत्रालय से सरकार चलती है, यह कहावत भी धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है। कुछ सीनियर अधिकारियों का प्रमोशन अगले माह होने के बाद भी स्थिति में बदलाव की उम्मीद कम है। पूरे तीसरे मंजिल में अकेले शांत व गंभीर अमिताभ जैन रुटीन के सरकारी फाईलों को निपटाने में ही मस्त रहते हैं।

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