संसद या संविधान, सर्वोच्च क्या? CJI गवई ने कर दिया क्लियर, कहा- मेरे लिए…

Date:

अमरावती। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बुधवार को यह क्लियर करते हुए बताया है कि देश का संविधान सर्वोपरी है। उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र के तीनों अंग (न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका) संविधान के अधीन काम करते हैं।

CJI गवई ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं संसद सर्वोच्च है, लेकिन मेरी राय में देश का संविधान सबसे ऊपर है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में उन्होंने पिछले महीने शपथ ली थी।

अपने होमटाउन पहुंचे CJI
सीजेआई अपने होमटाउन अमरावती के दौरे पर गए थे, जहां उनका अभिनंदन समारोह हो रहा था। समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि संसद के पास संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के मूल ढांचे को बदल नहीं सकती। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई ने कहा, “हमेशा इस बात पर चर्चा होती है कि लोकतंत्र का कौन-सा अंग सर्वोच्च है- कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका? कई लोग मानते और कहते हैं कि संसद सर्वोच्च है, लेकिन मेरे हिसाब से भारत का संविधान सर्वोच्च है।”

CJI ने न्यायाधीशों को दी सलाह
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के तहत काम करते हैं। सीजेआई ने कहा कि सरकार के खिलाफ आदेश पारित करने मात्र से कोई न्यायाधीश स्वतंत्र नहीं हो जाता है।

उन्होंने कहा, “एक न्यायाधीश को हमेशा याद रखना चाहिए की हमारा एक कर्तव्य है और हम नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के संरक्षक हैं। हमारे पास सिर्फ शक्ति ही नहीं है, बल्कि हम पर एक कर्तव्य भी डाला गया है।”

CJI ने कहा कि एक न्यायाधीश को इस बात से निर्देशित नहीं होना चाहिए कि लोग उनके फैसले के बारे में क्या कहेंगे या क्या महसूस करेंगे। उन्होंने कहा, “हमें स्वतंत्र रूप से सोचना होगा। लोग क्या कहेंगे, यह हमारी निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकता है।”

वकील बनाना चाहते थे पिता
सीजेआई ने जोर देकर कहा कि उन्होंने हमेशा अपने फैसलों और काम को बोलने दिया है और हमेशा संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के साथ खड़े रहे। ‘बुलडोजर न्याय’ के खिलाफ अपने फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आश्रय का अधिकार सर्वोच्च है।

चीफ जस्टिस ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह आर्किटेक्ट बनना चाहते थे, जबकि उनके पिता चाहते थे कि वह वकील बनें। उन्होंने कहा, मेरे पिता वकील बनाना चाहते थे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए क्योंकि उस समय स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा होने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

#Crime Updates

More like this
Related