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26 व 27 मार्च को राजधानी में जुटेंगे डायविटीज विशेषज्ञ

चिकित्सकीय एजुकेशनल रिसर्च पर व्याख्यान
00 टाइप वन डायविटीज बच्चों के लिए एजुकेशनल प्रोग्राम
रायपुर।
 राजधानी रायपुर में डायविटीज पर दो दिन का एक बड़ा आयोजन 26 और 27 मार्च 2022 को होटल वी डब्ल्यू केनन में होने जा रहा है। रिसर्च सोसायटी फॉर द डायविटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) के द्वारा एक विशेष सेमीनार-कार्यशाला 26 मार्च को होगा जिसमें देश – विदेश से आए डॉक्टर्स व एक्सपर्ट्स चिकित्सकीय एजुकेशनल रिसर्च पर व्याख्यान देंगे। दूसरे दिन 27 मार्च को चेरिटेबल संस्था छत्तीसगढ़ डायविटिक केयर एंड रिसर्च संस्थान छत्तीसगढ़ के टाइप वन डायविटीज के बच्चे या ऐसे बच्चे जो इंसुलिन पर निर्भर हैं के लिए एजुकेशनल प्रोग्राम करेगा। आयोजन का मुख्य उद्देश्य डायविटीज के प्रति जन जागरूकता लाना है ताकि कुशल जीवन प्रबंधन के जरिए इसे नियंत्रित रखते हुए स्वस्थ रहा जा सकें।
आयोजन के संदर्भ में आयोजित पत्रकारवार्ता में छत्तीसगढ़ डायविटीक केयर एंड रिसर्च संस्थान के अध्यक्ष डा. जवाहर अग्रवाल, सचिव अशोक मालू, कोषाध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने संयुक्त रूप से बताया कि वैश्विक स्तर पर आनुपातिक रूप से डायविटीज बढ़ जरूर रहा है पर बेहतर जीवन शैली प्रबंधन, उचित आहार के साथ इस पर नियंत्रण व सुधार रखा जा सकता है। इससे डरने या घबराने की नहीं बल्कि समय पर चिकित्सकीय सलाह लेने की है।

उन्होंने बताया कि पहली बार छत्तीसगढ़ में डायविटीज पर इतना बड़ा कार्यक्रम हो रहा है जिसमें देश भर से विषय विशेषज्ञ आरएसएसडीआई के मंच पर एक जगह एकत्रित हो रहे हैं। 26 मार्च को सुबह 11 बजे से शाम के 5 बजे तक का सत्र होगा जिसमें सभी डायविटीज केयर के क्षेत्र में उपलब्ध श्रेष्ठ प्रक्रियाओं पर सभी विचार विमर्श करेंगे। लगभग 1000 की संख्या में इनकी उपस्थिति रहेगी। आरएसएसडीआई पिछले 50 सालों से लगातार डायविटीज के रिसर्च पर कार्य कर रही है। देश – विदेश से आए ख्यातिप्राप्त विशेेषज्ञ उक्त कार्यशाला-सेमीनार में टाइप वन डायविटीज मरीजों के लिए अपने चिकित्सकीय अनुभव साझा करेंगे और ऐसे मरीजों को क्या बेहतर विकल्प मिल सकता है बताया जाएगा।
दूसरे दिन 27 मार्च को छत्तीसगढ़ डायविटीक केयर एंड रिसर्च संस्थान द्वारा डायविटीज के टाइप वन मरीज बच्चे जो कि जन्मजात या आनुवांशिकी या 5 से 15 वर्ष तक के भी हो सकते हैं। ऐसे ही लोगों के लिए एजुकेशनल प्रोग्राम रखा गया है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए छत्तीसगढ़ के अलग – अलग जगहों पर संस्थान के सहयोगियों ने इन्हे जानकारी दी है। करीब 200 से 250 बच्चों के इसमें शामिल होने का अनुमान है। जिसमें बताया जायेगा कि डायविटीज प्रभावित ऐसे बच्चों को शुगर नियंत्रित रखने के साथ – साथ उनको कैसे व्यवस्थित जीवन शैली रखना है, कैसे संतुलित आहार लेना है। ऐसे बच्चों के ग्रोथ का मामला हो या स्कूल आने – जाने का, कैसे सावधानी रखें बच्चों के साथ उनके पालकों को भी जानकारी दी जायेगी। इस कार्यक्रम में जो जरूरतमंद लोग नहीं आ सकते हैं उनके आने – जाने, भोजन, रहने की व्यवस्था भी नि:शुल्क की गई है। इंसुलिन भी इन्हे मुफ्त उपलब्ध कराया जायेगा।
जैसे कि पहले ही कह चुके हैं कि  इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य जनजागरूकता लाना है। दूसरे ही दिन डायविटीज अवेयरनेस क्विज कांटेस्ट भी किया जायेगा। जिसमें उपहार स्वरूप नगद पुरस्कार, ग्लूकोमीटर एवं इंसुलिन प्रदान किया जायेगा। विशेष बात यह है कि आर्थिक रूप से असक्षम या गरीबी रेखा वाले टाइप वन के मरीजों को नि:शुल्क इंसुलिन ग्लूकोमीटर दिया जायेगा। सामान्य दिनों में उनके संस्थान की ओर से छत्तीसगढ़ में जनजागरूकता के लिए अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम, शिविर आयोजित किये जाते रहे हैं।
प्रमुख डाक्टर्स जो शामिल हो रहे हैं-
डॉ. ए के दास पांडुचेरी, डॉ. बंशी साबू अहमदाबाद, डॉ. मनोज चावला मुंबई, डॉ. सुनील गुप्ता नागपुर, डॉ. राजीव चावला नई दिल्ली, डॉ. शिल्पा जोशी मुंबई। इनके अलावा छत्तीसगढ़ से भी इस फेकेल्टी के लगभग सभी डाक्टर्स शामिल रहेंगे।

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