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तिरछी नजर : रम से गम दूर

भानुप्रतापपुर में कुछ भाजपा नेताओं ने खूब पसीना बहाया था, लेकिन नतीजे अनुकूल नहीं आने से निराश हैं।
ज्यादातर नेता रायपुर और धमतरी से आना-जाना करते थे लेकिन दो दिग्गज नेता प्रचार खत्म होने तक विधानसभा क्षेत्र में ही डटे रहे। कडक़ड़ाती ठंड से बचाव के लिए हीटर और अन्य सुविधाएं जुटाना कठिन था। ऐसे में कुछ करीबियों ने उनके लिए विशेष इंतजाम किया था।
प्रचार से लौटने के बाद अपने आशियाने में आते थे उनके लिए रम से भरी गिलास रहती थी। कार्यकर्ताओं को दूर-दूर तक वहां फटकने की अनुमति नहीं थी। दोनों ही दिग्गज सात्विक हैं और मांसाहार से दूर रहते हैं इसलिए चखना में भूने काजू, बादाम और चना आदि का इंतजाम होता था। मध्य रात्रि तक रम का दौर चलता था। इसके बाद अगले दिन दोपहर को वो फिर प्रचार के लिए निकल जाते थे। अब इतनी मेहनत के बाद भी नतीजे उम्मीद के विपरीत आए हैं तो दुखी होना स्वाभाविक है। थोड़ी सी चूक यह हो गई कि रम की खाली बोतलें वहां रह गई और बात छोटे कार्यकर्ताओं के मार्फत राजधानी तक पहुंच गई। अब हार से परे प्रचार के तौर-तरीकों पर भी बात हो रही है।

हर सरकार में फिट
आईएफएस संजय शुक्ला और अनिल राय, दोनों ऐसे अफसर हैं जो हर सरकार में फिट बैठे हैं। कुछ क्षण के जरूर लूप लाईन में चले जाते थे लेकिन जल्द ही दोनों अहम पोस्टिंग पाने में कामयाब रहे हैं।
संजय शुक्ला तो हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के साथ-साथ लघु वनोपज संघ के सर्वेसर्वा हैं। जबकि अनिल राय सीआईडीसी के एमडी हैं। अनिल राय जनवरी में पीसीसीएफ के पद पर प्रमोट हो जाएंगे। चर्चा है कि वो संजय शुक्ला की जगह लघु वनोपज संघ के एमडी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति मेें अंदाजा लगाया जा रहा है कि संविदा पर तैनात एसएस बजाज संघ के सलाहकार हो सकते हैं। अब आगे जो कुछ भी होगा वह जनवरी में ही होगा।

भाजपा नेता आप के संपर्क में..
भाजपा में गुजरात की तर्ज पर बदलाव की हवा तेज चल रही है। इससे भाजपा के भीतर ही जंग छिड़ गई है। जिला से लेकर प्रदेश भाजपा मुख्यालय तक हुए इस फेरबदल का दांव उल्टा पड़ता जा रहा है। जिला स्तर पर जिन पदाधिकारियों को बदला गया है । उनके खिलाफ भी भाजपा के बड़े दमदार गुट हर जगह सक्रिय हो गए है। जिला स्तर की बैठक और कार्यक्रम के फेल होने के बाद अब संगठन मंत्री पवन साय निशाने पर हैं। भाजपा संगठन में निचले स्तर पर चल रही कबड्डी से चिंतित भाजपाई ओम माथुर के करिश्माई काम के इंतजार में है। नये वर्ष भाजपा के लिए फिर क्या नया होगा,इसको लेकर कार्यकर्ता सशंकित हैं। इन सबके बीच दो दर्जन नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में भी हैं । आर्थिक रूप से ताकतवर ये नेता चुनावी साल में अपना दम भी दिखा सकते हैं ।

ईडी का छत्तीसगढ़ में डेरा..
डॉ.रमन सिंह ने ऐलान कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में ईडी स्थायी तौर पर रहेगी। इस ऐलान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, बस्तर, कांकेर सहित एक दर्जन जिलों में ईडी के अधिकारी डेरा डालेंगे। एक दर्जन जिलों की गड़बड़ी की कागज आने के बाद एक और आईएएस घेरे में आ सकते हैं। यह युुवा आईएएस का नाम चौकन्ने वाला और नया है। इस अफसर को नोटिस तो मिल गया है। आगे का इंतजार है।

कांग्रेस विधायक दिल्ली कूच करेंगे..
आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर मचे हंगामा के बीच महामहिम राज्यपाल अनुसुईया उइके ने विधेयक में हस्ताक्षर से इंकार कर सबको चौंका दिया है। कहा जा रहा है कि इस इंकार के पीछे भाजपा के केन्द्रीय नेताओं का हाथ है जो आगामी विधानसभा चुनाव में नफा-नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। राजभवन से मिले रुख के बाद भूपेश सरकार ने एक और दांव तैयार कर लिया है। अब आरक्षण विधेयक के विधानसभा में पास होने के बाद राजनीतिक दांव पेंच भीतर ही भीतर तेज चल रही है। आगामी दिनों कांग्रेस 9 वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर सीधे दिल्ली जाएंगे। आदिवासी मंत्री और विधायक दल राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु से मिलने का समय लेकर वैधानिक स्थितियों पर चर्चा कर न्याय की मांग करेंगे।

 

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