TRUMP TARIFF CASE : Major battle in SC today over Trump’s tariff decision, Indian-origin lawyer Neal Katyal to challenge
नई दिल्ली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज एक ऐतिहासिक मुकदमे की सुनवाई होने जा रही है, जिसमें भारतीय मूल के नामी वकील नील कात्याल (Neal Katyal) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए गए टैरिफ (आयात शुल्क) को चुनौती देंगे। यह मामला न सिर्फ ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति की शक्तियों की सीमाओं को भी परिभाषित कर सकता है।
नील कात्याल, जो अब तक सुप्रीम कोर्ट में 50 से अधिक मामलों में पैरवी कर चुके हैं, ने राष्ट्रपति के अधिकारों को सीमित करने वाले कानून “इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA)” के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि टैरिफ और टैक्स लगाने का अधिकार सिर्फ अमेरिकी कांग्रेस के पास है, न कि राष्ट्रपति के पास।
ट्रंप बोले – “हार हुई तो देश तीसरी दुनिया बन जाएगा”
इस सुनवाई को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद इसे “अमेरिकी इतिहास का सबसे अहम फैसला” बताया है। उन्होंने चेतावनी दी, “अगर हम हारते हैं, तो अमेरिका तीसरी दुनिया के स्तर पर पहुंच सकता है।” वहीं, अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सामान्य 60 मिनट की बजाय 80 मिनट की सुनवाई का समय तय किया है।
निचली अदालत में जीत से मजबूत हुए कात्याल
इससे पहले, नील कात्याल को ‘कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट’ में बड़ी सफलता मिली थी, जहां 7-4 के फैसले में अदालत ने कहा था कि राष्ट्रपति ने टैक्स लगाकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। अब सुप्रीम कोर्ट में कात्याल उसी फैसले को बरकरार रखने की अपील कर रहे हैं।
भारतवंशी कात्याल का गौरवशाली सफर
नील कात्याल का जन्म शिकागो में भारतीय माता-पिता के घर हुआ था, पिता इंजीनियर और मां डॉक्टर थीं। उन्होंने येल लॉ स्कूल से पढ़ाई की और कई ऐतिहासिक मामलों में पैरवी की, जिनमें “बुश बनाम गोर” और ट्रंप के यात्रा प्रतिबंधों के खिलाफ मुकदमे शामिल हैं। उनकी बहन सोनिया कात्याल कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले में कानून पढ़ाती हैं।
एक और भारतीय वकील भी केस से जुड़े
इस मामले में एक और भारतीय-अमेरिकी वकील प्रतीक शाह भी महत्वपूर्ण भूमिका में हैं, जो ‘एकिन गंप’ फर्म के सुप्रीम कोर्ट एवं अपीलेट प्रैक्टिस के प्रमुख हैं। शाह अमेरिकी खिलौना कंपनियों ‘लर्निंग रिसोर्सेज’ और ‘हैंड2माइंड’ की ओर से राष्ट्रपति की शक्तियों को चुनौती दे रहे हैं।
फैसले से क्या बदलेगा?
यह केस अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकता है।
अगर ट्रंप हारते हैं, तो राष्ट्रपति के आर्थिक फैसलों पर कांग्रेस की पकड़ और मजबूत होगी।
जबकि अगर ट्रंप जीतते हैं, तो भविष्य में राष्ट्रपति को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और टैरिफ लगाने में अधिक स्वतंत्रता मिल जाएगी।
अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया की निगाहें इस ऐतिहासिक फैसले पर टिकी हैं।
