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नींद की कमी से हो सकते हैं पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का शिकार

सेहतमंद रहने के लिए स्वस्थ आहार के साथ ही एक अच्छी जीवनशैली की बेहद जरूरी होती है। पर्याप्त नींद इसी अच्छी जीवनशैली का एक हिस्सा है। स्वस्थ रहने के लिए नींद पूरी होना बेहद जरूरी है।

लेकिन कामकाज और बिजी शेड्यूल की वजह से लोगों को नींद की कमी का सामना करना पड़ता है। लेकिन नींद की कमी आप पर भारी पड़ सकती है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

स्वीडन में हुई स्टडी में यह पता चला कि जो लोग रात में 5 घंटे से भी कम नींद लेते हैं, उनमें पेरिफेरल आर्टरी डिजीज  का खतरा 74 फीसदी तक बढ़ जाता है। इतना ही नहीं इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि मौजूदा समय में दुनियाभर में करीब 200 मिलियन लोग पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से पीड़ित हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर यह बीमारी क्या है? तो चलिए जानते हैं क्या है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज, इसके लक्षण और बचाव-

क्या है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल जमने की वजह से धमनियां (आर्टरीज) सिकुड़ने लगती हैं। इसकी वजह से पैरों और हाथों में ब्लड का फ्लो काफी कम हो जाता है, जिससे पैरों में सही तरीके से खून न पहुंचने की वजह से कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। इतना ही नहीं धमनियों में खून का फ्लो कम होने की वजह से स्ट्रोक या फिर हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के लक्षण-,पैरों या बांहों की मांसपेशियों में दर्द,ऐंठन,पैरों में सुन्नपन या कमजोरी।,निचले पैर की सतह में ठंडापन।,पैर की उंगलियों या पैरों पर घाव।,आपके पैरों के रंग में बदलाव। बालों का झड़ना या पैरों पर बालों का बढ़ना। पैर के नाखूनों का बहुत धीमी गति से बढ़ना।पैरों की त्वचा का चमकना। पुरुषों में नपुंसकता।,पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के कारक।

हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में तो यह साफ हो गया है कि नींद की कमी की वजह से यह बीमारी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है। लेकिन इससे जुड़े अन्य कई रिस्क फैक्टर भी हैं, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं पेरिफ़रल आर्टरी डिजीज के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों के बारे में

मोटापा, धूम्रपान, बढ़ती उम्र, डायबिटीज, हाई कॉलेस्ट्रॉल,हाई ब्लड प्रैशर,पारिवारिक हिस्ट्री,होमोसिस्टीन का उच्च स्तर,पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से बचाव

हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि रात में 7 से 8 घंटे की नींद लेने से व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के जोखिम को कम किया जा सकता है।

इसके अलावा आप अपनी दिनचर्या में कुछ जरूरी बदलाव कर इस बीमारी से दूर रह सकते हैं। इसके लिए पौष्टिक आहार, सोने-जागने का समय, फिजिकल एक्टिविटी आदि को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

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