Trending Nowशहर एवं राज्य

कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित प्रदर्शनी में किशोर राजपूत ने लगाया देशी बीजों का स्टाल

  • महामहिम राज्यपाल और अतिथियों ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन

संजय महिलांग/नवागढ़ बेमेतरा : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप कृषि शिक्षा प्रणाली’’ संबंध कार्यशाला में नगर पंचायत नवागढ़ के युवा किसान किशोर राजपूत और देवीप्रसाद वर्मा शामिल हुए। उन्होंने वहा अपने पास संरक्षित किए गए देशी बीजों के धान,गेहूं,अरहर,सरसों, मटर,मसूर,मिर्च,सेमी,बरबटी,टमाटर, लौकी, कोच,भिंडी, पपीता,रखिया, कुंभडा, करेला, चिचिंडा,चेच,खेड़ा,अंबाड़ी,डांग कांदा,अश्वगंधा,सतावर,कैमोमाइल, सर्पगंधा, सहित अनेक रा के बीजों की प्रदर्शनी लगाया था।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने विश्वविद्यालय के प्रीसीजन फार्मिंग केन्द्र, अक्ति जैव विविधता संग्रहालय का अवलोकन किया और कृषि के नये तकनीकों की जानकारी ली। इसके अलावा राज्यपाल ने स्वयंसहायता समूहों के विभिन्न उत्पादों तथा कृषि के नवीनतम तकनीक पर आधारित कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यह प्रदर्शनी कृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों,महाविद्यालयों एवं अनुसंधान केन्द्रों तथा अनुवांशकी पादप प्रजनन विभाग के मार्ग दर्शन में देशी किस्म के बीज संरक्षित कर रहे किसानो द्वारा लगाई गई थी।

राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निरंतर नये-नये क्षेत्रों में अनुसंधान किये जा रहे हैं, जो कि सराहनीय है। इन अनुसंधानों का अधिकतम लाभ किसानों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा बाजार की मांग के अनुरूप उन्नत बीज, कृषि सेवा केन्द्रों से उचित दर पर विक्रय करना चाहिए, जिससे विश्वविद्यालय भी आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सके।

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफ़ारिशों के अनुरूप विश्वविद्यालय अपने कृषि स्नातक पाठ्यक्रम में भी संशोधन कर उसे रोजगारोन्मुखी बनाने जा रहा है, यह सराहनीय है। नवीन संशोधित पाठ्यक्रम में प्रायोगिक शिक्षा, विद्यार्थियों में दक्षता, क्षमता निर्माण, कौशल अर्जन, विशेषज्ञता एवं आत्मविश्वास विकसित करने हेतु नए विषय सम्मिलित किया जाना चाहिए ताकि हमारे कृषि स्नातक अपना स्वयं का व्यवसाय आरम्भ कर सकें और ‘रोजगार याचकों के बजाय रोजगार प्रदाता’ बन सकें।

उन्होंने कहा कि राज्य के तीनों विश्वविद्यालय आपस में समन्वय से कार्य करते हुए अपने-अपने विश्वविद्यालय के शिक्षा पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा प्रणाली विकसित एवं क्रियान्वित करें, जिससे विद्यार्थियों को स्वयं का रोजगार एवं व्यवसाय स्थापित करने में सफलता मिले।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एस. सेंगर, प्रबंध मण्डल के सदस्य श्री बोधराम कंवर,श्री आनंद मिश्रा, श्रीमती वल्लरी चन्द्राकर,डॉक्टर दीपक शर्मा,डाक्टर स्त्यपाल सिंह सहित विश्वविद्यालयों के कुलपति गण,वरिष्ठ वैज्ञानिक,डीन,स्टूडेंट,प्रोफेसर,किसान, प्रदेश के कोने कोने से आए अतिथि गण उपस्थित थे।

Share This: