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बारिश नहीं होने से खेती-किसानी का कार्य पिछड़ा, किसानों की बढ़ी चिंता

बलौदाबाजार। नगर समेत जिले में मानसून इस साल रूठता हुआ नजर आ रहा है। आषाढ़ माह समाप्त होने को है, परंतु तेज धूप तथा गर्मी के मारे लोगों का बुरा हाल है। तेज गर्मी का असर भूजल स्तर से लेकर धान की फसल तक में नजर आ रहा है। जुलाई माह का आधा महीना बीतने के बाद भी कई स्थानों पर अब धान के खेतों में दरारें नजर आने लगी हैं तथा किसानों को बादल ताकना पड़ रहा है। जिसका असर धान की फसल पर पड़ता हुआ नजर आ रहा है। तेज धूप की वजह से खेतों की नमी भी तेजी से सूखती जा रही है जिससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है। बारिश नहीं होने से जिले में इस वर्ष कृषि कार्य बेहद पिछडऩे लगे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार फिलहाल जिले में धान की फसल के नुकसान की स्थिति नहीं है, परंतु यदि इसी प्रकार बारिश ना हुई तथा तेज धूप रही तो आगामी एक सप्ताह बाद धान की फसल को तगड़े नुकसान की आशंका हो सकती है।
विदित हो कि इस वर्ष मौसम विशेषज्ञों ने जोरदार मानसून की भविष्यवाणी की थी, जिसके बाद प्रदेश सहित बलौदाबाजार जिले में समय से मानसून ने दस्तक भी दे दी थी। जून के तीसरे सप्ताह तथा चौथे सप्ताह में जिले में इतनी अधिक बारिश हो गई थी कि किसानों को बोनी के लिए इंतजार करना पड़ रहा था, परंतु बीते पखवाड़े भर से लोकल सिस्टम नहीं बनने के कारण बारिश रुक गई है। गत वर्ष 15 जुलाई तक जिले में 414 मिमी बारिश हो गई थी, जो इस वर्ष 15 जुलाई तक 446 मिमी हो चुकी है। परंतु, मानसून के शुरुआती दिनों के बाद से बारिश रुकने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। लोगों की चिंता की बड़ी वजह तापमान का तेज होना है। नगर में इन दिनों 35-36 डिग्री तापमान है। तेज धूप तथा गर्मी की वजह से एक ओर जहां लोगों का बुरा हाल है। वहीं, मानसूनी मौसम में भी भूजल स्तर कमजोर होने लगा है। मानसून की बेरूखी से एक ओर जहां भूजल स्तर लगातार कमजोर हो रहा है तथा पेयजल के लिए नगरीय इलाके से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लोगों को जूझना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर इस वर्ष कृषि कार्य लगातार पिछड़ रहे हैं। प्रतिदिन बदली छाते किसानों की आंखे मानसून को तकती हैं, परंतु प्रतिदिन बदली छाने के बाद बदरा किसानों को धोखा देकर बगैर बरसे आगे निकल जा रहे हैं, जिससे किसानों में उदासी छा रही है।
दलहन-तिलहन की बोनी पिछड़ गई
पखवाड़ेभर से बारिश ना होने के साथ ही साथ तेज धूप व गर्मी की स्थिति में जिले में दलहन तिलहन समेत मक्का की बोनी प्रभावित हो रही है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में धान की बोनी लगभग पूरी हो चुकी है, परंतु दलहन-तिलहन की बोनी अभी कमजोर है। इन दिनों पड़ रही तेज धूप को देखकर किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर देखी जा सकती है। कृषक जगेश्वर यादव, बिरजवा यादव, झुमुकलाल पैंकरा, हीरासिंह पैंकरा आदि ने बताया कि बीते दिनों निर्धारित समय पर बारिश होने पर धान की बोनी कर दी है। अब खेतों में तीन-चार इंच के अंकुर भी निकल गए हैं, लेकिन इन दिनों पड़ी तेज गर्मी ने खेत की नमी को भी सूखा दिया है और खेत फिर एक बार पानी के लिए तरसने लगे हैं। किसानों का कहना है कि जल्द से जल्द अगर अच्छी बारिश नहीं हुई तो नुकसान होगा।
फसल बीमा की अवधि बढ़ी
कृषि विभाग के उप संचालक संतराम पैकरा ने बताया कि जिले में धान की बोनी लगभग हो चुकी है। अभी खेतों में पर्याप्त नमी है नुकसान वाली स्थिति नहीं है, परंतु यदि सप्ताहभर इसी प्रकार तेज धूप रही तथा बारिश नहीं हुई तो खेतों में गहरी दरार पडऩे पर धान के छोटे-छोटे पौधों को नुकसान होगा। उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक फसल बीमा कराने की अपील करते हुए बताया कि फसल बीमा की अवधि 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है, किसान इसका अ?वश्य लाभ लें।
59 जलाशयों में एक भी फुल नहीं
जिले में 1 बलार जलाशय मध्यम परियोजना तथा कुल 58 लघु जलाशय हैं। जिले के सबसे बड़े जलाशय बलार जलाशय में वर्तमान में महज 44 फीसदी जलभराव है जिसमें से महज 6 जलाशयों में 50 फी सदी से अधिक जलभराव, 24 जलाशयों में 0 प्रतिशत तथा 26 जलाशयों में वर्तमान में एलएसएल याीि लोअर स्लूज लेवल की है यानी इन जलाशयों में इतना कम पानी है कि यदि जलाशयों के गेट भी खोल दिए जाएं तो भी पानी नहीं निकलेगा। इन जलाशयों के बेहद कम पानी का उपयोग केवल निस्तारी के लिए ही होता है, परंतु यह पानी आगामी कितने दिनों तक चलेगा यह कहना जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के लिए भी मुश्किल है।

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