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कानन पेंडारी जू में फिर से चलेगी टॉय ट्रेन, पर्यटकों के लिए बैट्री कार और साइकिल राइड की सुविधा भी

बिलासपुर : कोरोना संक्रमण का दौर बीतने के बाद एक बार फिर धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ के पर्यटक स्थल गुलजार होने लगे हैं। ऐसे में बिलासपुर स्थित कानन पेंड्रारी जूलॉजिकल गार्डन में भी लोगों की आमद बढ़ी है। इसे देखते हुए सुविधाओं के साथ-साथ मनोरंजन की डोज भी बढ़ाई गई है। सालों से बंद पड़ी बच्चों की ट्रेन की छुकछुक एक बार फिर गार्डन में सुनाई देगी। टॉय ट्रेन को जू प्रबंधन ने शुरू कर दिया है। वहीं पर्यटकों के लिए बैट्री कार और साइकिल राइड की भी सुविधा शुरू की गइ र्है।
जू अधीक्षक संजय लूथर ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के कारण बैट्री कार और साइकिल राइड भी बंद थी। इसके कारण पर्यटकों को पैदल ही घूमकर वन्य जीवों को देखना पड़ता था।
जू अधीक्षक संजय लूथर ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के कारण बैट्री कार और साइकिल राइड भी बंद थी। इसके कारण पर्यटकों को पैदल ही घूमकर वन्य जीवों को देखना पड़ता था।

गार्डन में करीब 3 साल से टॉय ट्रेन बंद पड़ी थी। फिलहाल इसमें एक कोच जोड़ा गया है। बाकी के मरम्मत का कार्य जारी है। इसके बाद इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। वहीं पर्यटकों के लिए बैट्री कार और साइकिल राइड भी शुरू की गई है। साइकिल राइड के लिए 50 रुपए और बैट्री कार के लिए 250 रुपए प्रति राइड लिए जाएंगे। जू अधीक्षक संजय लूथर ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के कारण बैट्री कार और साइकिल राइड भी बंद थी। इसके कारण पर्यटकों को पैदल ही घूमकर वन्य जीवों को देखना पड़ता था।

पर्यटकों के लिए बैट्री कार और साइकिल राइड भी शुरू की गई है। साइकिल राइड के लिए 50 रुपए और बैट्री कार के लिए 250 रुपए प्रति राइड लिए जाएंगे।
पर्यटकों के लिए बैट्री कार और साइकिल राइड भी शुरू की गई है। साइकिल राइड के लिए 50 रुपए और बैट्री कार के लिए 250 रुपए प्रति राइड लिए जाएंगे।

114 हेक्टेयर में 60 स्पिशीज और शेर, बाघ सहित 679 वन्य जीव
कानन पेंडारी बिलासपुर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। करीब 114 हेक्टेयर में फैले हुए इस जूलॉजिकल गार्डन में 60 स्पिशीज और 679 वन्य जीव मौजूद हैं। इनमें 7 शेर हैं, जिसमें 3 नर हैं। वहीं 3 सफेद बाघ और 4 रॉयल बंगाल टाइगर के अलावा एक शुतुरमुर्ग सहित 5 बायसन यानी जंगली भैंसे मौजूद हैं। इसी कारण हर साल करीब 6 करोड़ पर्यटक इस जूलॉजिकल गार्डन को देखने के लिए पहुंचते हैं। इसमें न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि दूसरे राज्यों के भी लोग होते हैं।

जू में आने वाले की थर्मल स्कैनिंग भी की जा रही है। इसके बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया जा रहा है।
जू में आने वाले की थर्मल स्कैनिंग भी की जा रही है। इसके बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया जा रहा है।

वन्य जीवों की मौत के कारण भी हमेशा चर्चा में
कानन पेंडारी जू अक्सर वन्य जीवों की मौत को लेकर भी चर्चा में रहता है। यहां पहले 6 बायसन थे, लेकिन 17 जून को उनमें से एक वीरू की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसकी जानकारी को प्रबंधन ने घंटों तक छिपाए रखा। वीरू करीब 4 साल का था। इससे पहले भी 19 फरवरी को एक तेंदुए की मौत हो गई थी। उसे ट्यूमर था। तेंदुए को 2016 में कांकेर से कानन लाया गया था। इससे पहले बाघ और हिप्पो की मौत के कारण भी चर्चा में आ चुका है।

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