जेल प्रशासन ने की अनूठी पहल: कैदियों का बैंड बाजा का गठन किया, जेलर से करानी होगी बुकिंग
रायपुर : जेल प्रशासन ने अनूठी पहल kar कैदियों का बैंड बाजा का गठन किया l यदि किसी भी जरूरतमंद को अपने किसी भी आयोजन के लिए बैंडबाजा की जरूरत है तो वह केंद्रीय जेल रायपुर के कैदियों को बुलवा सकता है। जेल प्रशासन ने अनूठी पहल करते हुए कैदियों का बैंड बाजा का गठन किया गया है। इसके लिए बकायदा उन्हें जेल प्रशासन द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें शासकीय आयोजनों में भेजा जाता था। लेकिन अब आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। बैंड पार्टी में शामिल कैदियों को सफेद रंग की वर्दी, लाल रंग की टोपी और काले रंग का जूता दिया गया है। बताया जाता है कि बैंड पार्टी में शामिल कैदियों के सफेद रंग की वर्दी को बदलने की कवायद चल रही है। इसे लाल अथवा नीले रंग का किए जाने पर विचार चल रहा है।
कैदी आपके प्रोग्राम में बजाएंगे बैंड बाजा
एडवांस बुकिंग कराने पर 9 कैदी अपने वाद्य यंत्रों के साथ पहुंचेगे। इस दौरान ढोल, ड्रम लेकर प्यानो, शहनाई का वादन करेंगे। बताया जाता है कि वाद्य यंत्रों में रुचि रखने वाले अन्य सजायाफ्ता कैदियों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बैंड पार्टी में शामिल कैदियों के भागने और किसी भी तरह के दुर्रव्यवहार को रोकने के लिए सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। कैदियों के साथ ही करीब 10 सुरक्षा प्रहरियों को निगरानी करने के लिए भेजा जाएगा।
पिछले 3 वर्ष से बंद था बैंड
सजायाफ्ता कैदियों द्वारा 3 वर्ष पहले तक रायपुर और बिलासपुर केंद्रीय जेल में बैंड पार्टी चल रही थी। कोरोनाकाल और सजा माफी के साथ ही सजा काटने के बाद कैदियों के रिहा होते ही इसे बंद कर दिया गया था। इसे एक बार फिर से गठन किया गया है। इस समय प्रशिक्षण के बाद टीम में 9 सदस्य को बैंड पार्टी में शामिल किया गया है। 6 अन्य सदस्यों को शामिल करने के बाद 15 सदस्यीय टीम का गठन की कवायद चल रही है।
सार्वजनिक-निजी आयोजन के लिए बुकिंग कराने प्रतिघंटे 2000 रुपए के हिसाब से शुल्क लिया जाएगा। उसके बाद प्रत्येक घंटे का 2000 रुपए अतिरिक्त राशि ली जाएगी। बैंड पार्टी बुक करने पर अग्रिम राशि जमा रायपुर केंद्रीय जेल में नगदी जमा करना पड़ेगा। राशि जमा करने पर कैदियों को वाद्य यंत्रों के साथ संबंधित स्थान पर वाहन से भेजा जाएगा।