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स्कूल परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स: छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता नीचे से तीसरे स्थान पर

  • देशभर के 28 राज्यों व 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के बाद 34वां नंबर छत्तीसगढ़ का है। शिक्षा और सुविधा के मामले में छत्तीसगढ़ चौथी श्रेणी में पहुंच गया है।

रायपुर/बिलासपुर : केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से प्रदेशों के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूली सुविधाओं की परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स जारी किया है। देशभर के 28 राज्यों व 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के बाद 34वां नंबर छत्तीसगढ़ का है। शिक्षा और सुविधा के मामले में छत्तीसगढ़ चौथी श्रेणी में पहुंच गया है। प्रदेश के कई जिलों में शिक्षा का स्तर और सुविधाएं देश के 33 राज्यों के स्कूलों की तुलना में कम हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर जारी की गई परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ राज्य को 1000 में से 704 अंक मिले हैं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के कमजोर प्रदर्शन की मुख्य वजह शिक्षा सुविधाएं, संसाधन बढ़ाने में अधिकारियों की नाकामी रही। 70 मापदंडों में हुई ग्रेडिंग पर विभाग की कमजोरी सामने आ गई है।

हमसे आगे पड़ोसी राज्य
परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य निकले। छत्तीसगढ़ से लगे महाराष्ट्र ए प्लस श्रेणी में हैं। इसके साथ ही ओडिशा और उत्तर प्रदेश प्रथम श्रेणी के साथ ग्रेड वन की सूची में हैं। इसके साथ ही झारखंड और तेलंगाना दूसरी श्रेणी में शामिल हैं। इसके साथ ही बिहार और मध्यप्रदेश तीसरे श्रेणी में शामिल हैं। वहीं छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश और नगालैण्ड के साथ संयुक्त रूप से चौथी श्रेणी में शामिल हैं।

चौथी श्रेणी में छत्तीसगढ़
परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में स्कूलों में सीखने की क्षमता और गुणवत्ता, स्कूलों की शिक्षा में पहुंच, संसाधन-सुविधाएं, शिक्षा में समानता और स्कूलों का प्रबंधन विषयों पर अंक निर्धारित किए गए थे। इनमें से शिक्षा में समानता की श्रेणी में प्रदेश को 230 में से 218 नंबर मिले हैं। अधोसंरचना और सुविधा में 150 में से 110 अंक मिले। स्कूल में बच्चों की सीखने की क्षमता के मामले में 180 में से 138 अंक, शिक्षा की पहुंच के मामले में 80 में से 69 और सुशासन व प्रबंधन के मामले में 230 में से 169 अंक ही मिले हैं।

आत्मानंद स्कूल नहीं होते तो शायद अंतिम पायदान मिलता
प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम सरकारी स्कूल खोले जाने और वहां सुविधाओं के साथ अधोसंचरना में बढ़ोतरी के साथ शिक्षा के स्तर में सुधार होने के बाद प्रदेश को परफामेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में अंक मिले हैं। इससे पहले प्रदेश में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई और सुविधाओं के साथ बच्चों की सीखने की स्थिति निम्न थी।

रिपोर्ट आमतौर पर तथ्यों और जानकारियों पर आधारित होती है। स्कूल शिक्षा में सुधार के लिए समेिकत और संतुलित प्रयास करना जरूरी है। सभी को मिलकर रोल मैप तैयार करना चाहिए और सही दिशा में काम किया जाना जरूरी है इसके परिणाम आशा के अनुरूप सामने आ ही जाएंगे।
– आलोक चक्रवाल, कुलपति, गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर

परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में छत्तीसगढ़ की स्थिति ठीक नहीं होने अच्छा नहीं है। प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी सुविधाएं देनी चाहिए। गुणवान शिक्षकों की नियुक्त के साथ अच्छे लैब की व्यवस्था की जानी चाहिए। शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपनी जानी चाहिए। बच्चों को निजी स्कूलों के बच्चों के साथ इंटरेक्शन कराना चाहिए। इसके साथ ही हाई पावर कमेटी का गठन किया जाना चाहिए जिसमें उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा के शिक्षक होने चाहिए। कमेटी को यूनिवर्सिटी, कॉलेजों और स्कूलों की दूसरी को कम किया जाने पर विचार करना चाहिए और बच्चों को हायर एजुकेशन की सुविधाओं की जानकारी देनी चाहिए। कमेटी को शिक्षा का स्तर उठाने की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
– आचार्य अरुण दिवाकरनाथ वाजपेयी, कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी बिलासपुर

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