ELECTION 2024 BREAKING : I.N.D.I.A गठबंधन में BSP के शामिल होने की अटकलों पर विराम !

ELECTION 2024 BREAKING : Stop speculations about BSP joining I.N.D.I.A alliance!
विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन में बीएसपी के शामिल होने की अटकलों को मायावती ने खारिज कर दिया है. बीएसपी सुप्रीमो ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव और आने वाले विधानसभाओं में अकेले चुनाव लड़ेगी.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीएसपी I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल हो सकती है और इसके लिए पूरी प्लॉटिंग भी की जा रही है. दरअसल यूपी में कांग्रेस ने दलित समुदाय से आने वाले बृजलाल खाबरी को हटा दिया था, जिसकी वजह से ऐसा संदेश गया कि मायावती को कंफर्ट फील कराने के लिए उसने खाबरी को हटाकर अजय राय को यूपी की कमान सौंपी है ताकि उन्हें ऐसा न लगे कि कांग्रेस एक ओर उन्हें गठबंधन में शामिल कराना चाहती है और दूसरी ओर यूपी में दलित समुदाय से ही आने वाले नेता को कमान भी दी है.
मायावती ने गठबंधन में शामिल होने की अटकलों को खारिज किया
हालांकि अब मायावती ने ट्वीट कर ऐसी सभी अटकलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर कहा कि एनडीए और I.N.D.I.A गठबंधन अधिकतर गरीब विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं, जिनकी नीतियों के खिलाफ बीजेपी लगातार संघर्ष कर रही है. इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
1. एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।
समाज के टूटे लोगों को जोड़कर BSP लड़ेगी चुनाव
उन्होंने पार्टियों से नेताओं को तोड़कर शामिल कराने को लेकर भी बड़े दलों पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम ने कहा कि बीएसपी विरोधियों के जुगाड़ या जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे और बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से साल 2007 के यूपी विधानसभा की तरह अकेले आगामी लोकसभा और चार राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी.
विपक्ष के सेक्युलरिज्म पर भी उठाए सवाल
मायावती ने इस दौरान विपक्षी दलों पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा ये लोग वैसे तो गठबंधन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसा न करने पर खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. बीएसपी सुप्रीमो ने विपक्षी दलों के सेक्युलरिज्म पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर नहीं मिलें तो भाजपाई. यह उचित नहीं है और ‘अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं’ की कहावत जैसा है.
नीतीश कुमार ने दिया था बयान
बीएसपी ने अपना स्टैंड ऐसे समय पर क्लियर किया है, जब विपक्षी दलों की तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है. मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली इस बैठक में गठबंधन के संयोजक और कॉर्डिनेशन कमेटी का ऐलान किया जा कता है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि मुंबई में अगली बैठक के दौरान कुछ और राजनीतिक दलों के इसमें जुड़ने की संभावना है. नीतीश के इस बयान के बाद भी अटकलें लगाई गईं थी कि हो सकता है उनका ये बयान बीएसपी को लेकर हो. हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए अकाली दल को न्योता भेजा गया है.