DONGARGARH ROPEWAY ACCIDENT : मां बम्लेश्वरी मंदिर रोपवे फिर डिरेल, खाली ट्रॉली गिरने से टला बड़ा हादसा, ट्रस्ट और प्रशासन पर उठे सवाल

DONGARGARH ROPEWAY ACCIDENT : Maa Bamleshwari temple ropeway derailed again, major accident averted due to falling of empty trolley, questions raised on trust and administration
डोंगरगढ़, 31 मई 2025। DONGARGARH ROPEWAY ACCIDENT राजनांदगांव जिले के प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर के रोपवे में एक बार फिर हादसा होते-होते बचा। बुधवार शाम खाली लौट रही ट्रॉली जैसे ही स्टेशन पर पहुंची, अचानक डिरेल होकर झुक गई। गनीमत रही कि ट्रॉली खाली थी, वरना फिर से बड़ा हादसा हो सकता था।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह हादसा उसी जगह पर हुआ है, जहां डेढ़ महीने पहले वीआईपी नेताओं से भरी ट्रॉली पलट गई थी। उस घटना में भरत वर्मा, रामसेवक पैकरा और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष घायल हुए थे। तब जांच और सुधार के वादे हुए थे, पर अब फिर से वही खामी सामने आ गई है।
कागजों में मरम्मत, जमीन पर लापरवाही
DONGARGARH ROPEWAY ACCIDENT सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट ने पूरी जांच के बिना ही सिस्टम को मैन्युअल मोड में चलाना शुरू कर दिया। सेफ्टी सिस्टम को ऑटोमैटिक करने की बात कागजों में ही रह गई। इस हादसे के बाद फिर वही पुरानी कहानी दोहराई जा रही है – कंपनी पर आरोप, तकनीकी खामियां, बिजली विभाग को दोष – और ट्रस्ट खुद को पाक-साफ साबित करने की कोशिश में लगा है।
वीडियो वायरल होने के बाद मानी गलती
शुरुआत में मंदिर ट्रस्ट ने हादसे से इनकार कर दिया था, लेकिन जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो सच सामने आ गया।
हर बार हादसा, हर बार बहाना
फरवरी 2021: मजदूर गोपी गोंड की मौत
अप्रैल 2024: कलेक्टर और एसपी हवा में फंसे
मई 2024: वीआईपी ट्रॉली पलटी, नेता घायल
मई 2025: खाली ट्रॉली डिरेल, बड़ा हादसा टला
हर बार ट्रस्ट कहता है – सबकुछ सुरक्षित है, लेकिन जनता अब जवाब मांग रही है।
रामसेवक पैकरा खुद हादसे का शिकार हुए
DONGARGARH ROPEWAY ACCIDENT गौर करने वाली बात यह है कि पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा खुद कुंदरगढ़ मंदिर में रोपवे लगाने की योजना लेकर डोंगरगढ़ आए थे। लेकिन डोंगरगढ़ का रोपवे ही जब उनके बैठने पर पलट गया, तो सवाल उठता है कि कुंदरगढ़ में नया रोपवे कैसे सुरक्षित रहेगा?
कब जागेगा ट्रस्ट और प्रशासन?
DONGARGARH ROPEWAY ACCIDENT अब सवाल उठ रहा है – मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन आखिर कब जागेगा? हर बार हादसा किस्मत के भरोसे बचता रहा, लेकिन अगली बार ट्रॉली खाली न भी हो सकती है। ऐसे में कौन जिम्मेदार होगा?
यह सिर्फ जांच का मामला नहीं, जवाबदेही तय करने का समय है।