DOLLAR-RUPEE UPDATE : करेंसी मार्केट में रुपया एक ऐतिहासिक गिरावट के साथ हुआ बंद, अब महंगे डॉलर का क्या होगा असर ?
DOLLAR-RUPEE UPDATE: Rupee closed with a historic fall in currency market, now what will be the effect of expensive dollar?
नई दिल्ली। विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को करेंसी मार्केट में रुपया ऐतिहासिक गिरावट के साथ बंद हुआ है. एक डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे की गिरावट के साथ पहली बार 79.88 रुपये पर क्लोज हुआ है. दिन के कारोबार में हालांकि पहली बार 79.92 के लेवल तक जा गिरा था. यानि साफ है कि रुपये कभी भी एक डॉलर के मुकाबले 80 रुपये के लेवल को अब छू सकता है.
क्यों गिरा रुपया –
इससे पहले आज के ट्रेड के दौरान रुपया सुबह 79.72 रुपये पर खुला था. दिन के ट्रेड में रुपया 79.92 रुपये के लेवल तक जा लुढ़का. लेकिन करेंसी बाजार के बंद होने समय 79.88 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं जिसके चलते डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखी जा रही है. तो अमेरिका में महंगाई दर 41 सालों के उच्चतम स्तरों पर जा पहुंचा है. जिसके बाद आशंका जताई जा रही है फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में एक फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. वैश्विक बाजार में अस्थिरता के चलते विदेशी निवेशकों का बिकवाली जारी रह सकता है जिसके चलते रुपये में गिरावट देखी जा रही है. आपको बता दें 23 फरवरी, 2022 को रूस और यूक्रेन के युद्ध शुरू होने से पहले रुपया डॉलर के मुकाबले 74.62 रुपये पर था.
महंगे डॉलर का क्या होगा असर –
महंगा डॉलर का भारत को बड़ा खामियाजा उठाना होगा. सरकारी तेल कंपनियां डॉलर में भुगतान कर कच्चा तेल खरीदती हैं. अगर रुपये के मुकाबले डॉलर महंगा हुआ और रुपया में गिरावट आई तो सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए ज्यादा डॉलर का भुगतान करना होगा. इससे आयात महंगा होगा और आम उपभोक्ताओं को पेट्रोल डीजल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी. वैसे भी सरकारी तेल कंपनियों ने कच्चे तेल के दामों में उछाल के बावजूद 6 अप्रैल के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है. जिसके चलते उन्हें पेट्रोल डीजल बेचने पर 12 से 14 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है.
– भारत से लाखों बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं जिनके अभिभावक फीस से लेकर रहने का खर्च भेजते हैं. उनकी विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी. क्योंकि अभिभावकों को ज्यादा रुपये देकर डॉलर खरीदना होगा जिससे वे फीस चुका सकें. महंगे डॉलर का खामियाजा अभिभावकों को उठाना पड़ रहा है.
– खाने का तेल पहले से ही महंगा है. उस पर से डॉलर के महंगे होने पर खाने का तेल आयात करना और भी महंगा होगा. खाने का तेल आयात करने के लिए ज्यादा विदेशी मुद्रा खर्च करना होगा. जिससे एडिबल ऑयल के महंगे होने की संभावना है.
– कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, मोबाइल से लेकर ऑटोमोबाइल कंपनियां अपनी कई पार्ट्स विदेशों से इंपोर्ट करती है. महंगे डॉलर के चलते इन कंपनियों के लिए आयात करना महंगा हो जाएगा जिससे दामों में बढ़ोतरी आ सकती है.