विधानसभा चुनाव 2023 के लिए छत्तीसगढ़ में सक्रियता बढ़ाएंगे दिल्ली के नेता, पीएम मोदी भी आएंगे
रायपुर। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए छत्तीसगढ़ भाजपा ने दिल्ली से लेकर स्थानीय नेताओं की सक्रियता को बढ़ाने की रणनीति बनाई है। अप्रैल के आखिरी सप्ताह से लेकर मई-जून तक केंद्रीय नेताओं मंत्रियों के दौरे अधिक होंगे। मई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी छत्तीसगढ़ दौरा हो सकता है। वह 10 से 12 मई के बीच आ सकते हैं। इसके पहले 20 अप्रैल तक प्रदेश के हर विधानसभा में प्रदेश स्तरीय वरिष्ठ नेताओं के प्रवास का कार्यक्रम संगठन ने तय किया है।केंद्रीय स्तर के नेताओं के प्रवास को लेकर रणनीति बनाने को दिल्ली में प्रदेश भाजपा के नेता एकजुट हएु। इसमें क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव शामिल हुए। बैठक में संगठनात्मक और राजनीतिक दोनों ही तरह के विषयों को लेकर बैठक हुई।
पार्टी सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ की हर घटना पर शीर्ष नेता जानकारी ले रहे हैं। इंटरनेट मीडिया से लेकर बूथ स्तर पर भाजपा के विभिन्न् मोर्चा, प्रकोष्ठों को जो जिम्मेदारी मिली है उसकी मानिटरिंग के लिए भी नेताओं को लगाया जा रहा है।
रमन, साव समेत सारे नेताओं को मिली जिम्मेदारी
एक तरफ प्रदेश में जहां दिल्ली के नेताओं के दौरे बढ़ेंगे उसी के साथ स्थानीय नेताओं को भी जिम्मेदारी मिली है। प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में शक्ति केंद्र प्रभारी, संयोजक, सह संयोजक शामिल होंगे। विधानसभा स्तरीय शक्ति केंद्र के प्रभारी, संयोजक, सह संयोजकों की बैठक के लिए अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को रायपुर ग्रामीण और धमतरी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को दुर्ग ग्रामीण, अंबिकापुर और चित्रकोट, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल कोटा, बेलतरा, मस्तुरी, प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर को दुर्ग शहर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को कटघोरा, कोरबा, रामपुर, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को भिलाई नगर व वैशाली नगर, राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय को रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण और आरंग, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल को रायपुर पश्चिम, धरसींवा और कसडोल, पवन साय को सारंगढ़, पामगढ़ और बलौदाबाजार, विष्णुदेव साय को सामरी और लुंड्रा समेत अन्य नेताओं को भी विधानसभा की जिम्मेदारी मिली है। विभिन्न् मोर्चा के तहत प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए प्रभारी और सहप्रभारियों की नियुक्ति की है।