बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन में अवैध कोल लेवी वसूली के मामले में फंसे रायगढ़ की पूर्व कलेक्टर रानू साहू के करीबी को राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आर्थिक अपराध जानबूझकर व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से किए जाते हैं और इनका असर पूरे समुदाय और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “हत्या गुस्से या भावनाओं में बहकर की जा सकती है, लेकिन आर्थिक अपराध ठंडे दिमाग से और स्वार्थपूर्ण मंशा से किए जाते हैं।”
न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के व्हाइट कॉलर क्राइम देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हित के लिए गंभीर खतरा हैं। इसी आधार पर अदालत ने आरोपी के जमानत आवेदन को अस्वीकार कर दिया।
यह मामला उस कथित सिंडिकेट से जुड़ा है, जो कोयला परिवहन पर जबरन अवैध लेवी वसूली करता था। जांच एजेंसियां इस प्रकरण में कई अफसरों और कारोबारी नेटवर्क की भूमिका की जांच कर रही हैं।
