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CG Ripa Yojana News: मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में 3 गोठनों को पुरस्कृत किया

रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल ने पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत संचालित किए जा रहे तीन गोठानों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गोठान प्रबंधन समिति के अध्यक्षों को शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

पुरस्कृत गोठान प्रबंधन समितियों में राजनांदगांव जिले के ग्राम अमलीडीह, दुर्ग जिले के ग्राम चंदखुरी और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम हिर्री गोठान प्रबंधन समितियां शामिल हैं। गौरतलब है कि सुराजी गांव योजनांतर्गत गांव में बनाए गए गोठानों में पुशओं के डे-केयर के साथ-साथ गौठानों में स्व-सहायता समूहों के द्वारा वर्मी कपोस्ट निर्माण, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, सब्जी उत्पादन सहित विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। इन गोठानों का संचालन प्रबंधन, गोठान समिति एवं ग्राम पंचायत के माध्यम से किया जा रहा है।

महिलाओं को बड़ी में मिल रहें स्व-रोजगार

ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूहों को लगातार मिलने वाली सफलता ने काम के प्रति उनमें ऐसी लगन पैदा कर दी है कि स्व- सहायता से जुड़ी ग्रामीण महिलाओ की संख्या हर दिन बढ़ रही है.

इतनी बड़ी तादाद में ग्रामीण महिलाओं को स्व रोजगार से जोड़ना आसान काम नहीं होता इस चमत्कार के लिए छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की हर ओर भूरी-भूरी प्रशंसा हो रही है. घर के कामकाज के बाद ज्यादातर ग्रामीण महिलाएं गौठानों में नजर आ रही हैं. स्व सहायता समूह बनाकर गौठनों से जुड़ी महिलाएं ना सिर्फ उत्पाद कर रही है बल्कि अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करने का काम भी कर रही है, छत्तीसगढ़ के गांव में जिस तरह ज्योत से ज्योत जल रहे हैं भविष्य में उसका उजाला निश्चित ही बहुत दूर तक जाने वाला है.

महिलाओं के आर्थिक विकास में आत्मा योजना की भागीदारी

जिला प्रशासन द्वारा गौठान से जुड़ी समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया गया है. आत्मा योजना के तहत महिलाओं को वर्मी खाद बनाने के प्रशिक्षण और खाद उत्पादन के लिए केंचुएं प्रदान किये जाते हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की आत्मा योजना ने फार्म स्कूल का संचालन कर जैविक खाद निर्माण की बारीकियों से स्वसहायता समूह की महिलाओं को अवगत कराया है.

उत्पाद के विपणन में सशक्त शासकीय सहयोग

गौठान में स्थापित वर्मी टैंक और वर्मी बेड से खाद बनाती छत्तीसगढ़ की महिलाएं आगे और आगे बढ़ती जा रही है. खाद की पैकिंग के लिए बारदाने से लेकर सिलाई मशीन और तौलने के लिए मशीन तक कृषि विभाग और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है. स्व सहायता समूह के द्वारा उत्पादित खाद शासकीय सहयोग से समितियों के माध्यम से बेची जा रही है.

आर्थिक रूप से सक्षम महिलाओं से होने वाला सामाजिक परिवर्तन

नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी के तहत जिले में निर्मित गौठानों में महिला स्व.सहायता समूह द्वारा विभिन्न आजीविका संवर्धन और हितग्राही मूलक आर्थिक गतिविधियों से आत्म निर्भर बनती छत्तीसगढ़ की महिलाएं बहुत जल्दी ही देश और दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करने वाली हैं. एक महिला का आर्थिक रूप से सक्षम होना और मानसिक रूप से चैतन्य होने का असर समाज पर क्या पड़ता है ये छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में जाकर देखा जा सकता है. सम्पन्नता का झुकाव शिक्षा, स्वच्छता और मानसिक स्वतंत्रता की ओर होता है. आज छत्तीसगढ़ के विकासित होतें गांव में इसकी भी झलक देखी जा सकती है. ग्रामीण महिलाओं के जीवन में गौठानों ने आर्थिक संपन्नता का एक नया रंग भर दिया है. ग्रामीण महिलाओं को समूह के माध्यम से एक ही समय में एक से अधिक कार्य करके आर्थिक मजबूती प्राप्त करने का रास्ता गौठानों ने बखूबी दिखाया है. गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, गोबर का दीया, गोबर का गमला, अगरबत्ती, साबुन निर्माण सहित अन्य आजीविका गतिविधियां संचालित की जा रही है. आसपास के ग्रामीण बाजारों मे समूह की महिलाओं ने अपनी अच्छी पकड़ मजबूत की है.

कृतज्ञता के भाव से भरी छत्तीसगढ़ की महिलाएं

बालाछापर के गौठान में कार्यरत सभी समूह की महिलाओं का कहना है कि गौठान में संचालित आजीविका गतिविधियों के माध्यम से उन्हें रोजगार मिला है. जिससे वे अपने परिवार को आर्थिक मजबूती प्रदान करने में योगदान दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है. जिसका उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है.
महिलाओं ने यह भी कहा कि आज वे खुद आत्मनिर्भर बन रही है. परिवार के हर छोटे.बड़े के कार्य के लिए होने वाले खर्च में अपनी भी भागीदारी सुनिश्चित कर पा रही है। महिलाओं ने कहा कि गौठान को ग्रामीण औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है. यह अत्यंत सराहनीय कार्य है. सभी ग्रामीण महिलाओं ने छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को हृदय की गहराइयों से धन्यवाद देते हुए यही कहा कि ऐसी किसी भी योजना का हमारे छत्तीसगढ़ की महिलाएं स्वागत करती हैं.

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