
CG BREAKING : Now a fine of up to 5 lakhs is possible on deafening DJs…
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कानफोड़ू डीजे और ध्वनि प्रदूषण पर कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा कि कोलाहल नियंत्रण अधिनियम में संशोधन करने में कितना समय लगेगा। इस पर सरकार ने चार सप्ताह का समय मांगा, जबकि कोर्ट ने दो सप्ताह में प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया।
फिलहाल राज्य में डीजे शोर पर केवल 500 से 1000 रुपए जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन न तो सख्त कार्रवाई होती है और न ही सामान जब्त किया जाता है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पांच लाख रुपए तक की पेनाल्टी लगाने का प्रावधान है, जिसे छत्तीसगढ़ में अभी तक लागू नहीं किया गया है।
राज्य सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि प्रस्ताव विधानसभा में रखकर संशोधन पास कराया जाएगा और उसके बाद नियम लागू किए जाएंगे। वहीं, सरकार ने यह भी बताया कि डीजे और वाहन माउंटेड साउंड सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही रोक है, और बार-बार उल्लंघन पर वाहन जब्त किए जा रहे हैं।
यह याचिका रायपुर के अमित मल द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने शिकायत की थी कि सिंगापुर सिटी स्थित मरीना क्लब में डांडिया के दौरान तेज शोर और ध्वनि प्रदूषण हुआ, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।