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ब्रेकिंग न्यूज़. हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के सचिव समेत कई अधिकारियों को थमाया नोटिस

बिलासपुर। कोरिया जिले के भरतपुर मंडल स्थित ग्राम जनकपुर में खसरा नंबर 240 के भूस्वामियों ने लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्राम जनकपुर बाइपास सड़क चौड़ीकरण के लिए बाड़ी और मकान को खाली करने और हटाने नोटिस जारी किया गया था। हाई कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगा दी है। संजय मिश्रा, नीरज मिश्रा, कल्पना दुबे, प्रियंका पांडेय, सोना देवी पटेल अकालू राम, वीरेंद्र त्रिपाठी, गायत्री पटेल, सुमित्री बाई आदि भूमि स्वामियों को लोक निर्माण विभाग ने नोटिस जारी किया था। भूूमि स्वामियों ने ग्राम पंचायत में आपत्ति दर्ज कराई थी। ग्रामीणों का कहना था कि नगर के भीतर सड़क चौड़ीकरण का कोई औचित्य नहीं है।बाइपास रोड के निर्माण और चौडीकरण के लिए इन भूस्वामियों के भूखंडों के अधिग्रहण संबंधी किसी भी प्रकार की विधिक प्रक्रिया लोक निर्माण विभाग ने नहीं अपनाई थी।जबकि ये सभी याचिकाकर्ताओं ने इन भूखंडों को बाकायदा खरीदी कर अपने मकान बाड़ी आदि निर्माण कर दशकों से काबिज थे। लोक निर्माण विभाग की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए नौ ग्रामीणों ने वकील मतीन सिद्दीकी के माध्यम से एक रिट याचिका दायर की थी। भूमिअर्जन, पुनर्वासन व पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के अधिग्रहण मुआवजा और पुनर्वास नीति के कानून पर दलील पेश करते हुए कहा कि अजय सिंह द्वारा बिक्री किए जाने के बाद बचे हुए प्लाट आदि के अधिग्रहण के रूप में अजय सिंह को ही लोक निर्माण विभाग द्वारा मुआवजे की प्रस्तावित कार्रवाई भी की जा रही थी। जबकि इन भूखंडों को विधिवत खरीदकर इन याचिकाकर्ताओं द्वारा मकान आदि का निर्माण दशकों पूर्व किया जा चुका था। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस व्यवहार याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया कि याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार का प्रतिकूल कदम न उठाया जाए। साथ ही सचिव लोक निर्माण विभागछत्तीसगढ शासन, कार्यपालन यंत्री कोरिया डिवीजन, पीडब्लूडी मनेन्द्रगढ़ व एसडीओ पीडब्ल्यूडी जनकपुर अनुविभाग जिला कोरिया तथा एसडीओ (राजस्व) भरतपुर अनुविभाग जिला कोरिया के अलावा तहसीलदार भरतपुर जिला कोरिया को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

 

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