BREAKING NEWS : एम्बुलेंस में मिले 317 करोड़, पुलिस ने की एक बड़ी कार्रवाई, फिल्मी कनेक्शन भी …
BREAKING NEWS: 317 crores found in ambulance, police took a big action, film connection too…
डेस्क। गुजरात पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई में जाली नोट केस का पर्दाफाश किया है. करोड़ों रुपये के जाली नोट सूरत में पकड़े गए, वह भी एक एंबुलेंस से. जाली नोटों की रकम 317 करोड़ रुपये की बताई जा रही है. पांच दिन पहले इसी मामले में पुलिस ने एंबुलेंस में रखे 6 बक्से में 25 करोड़ जाली करंसी नोट बरामद किए थे. अब पुलिस ने खुलासा किया है कि इन जाली नोटों का फेस वैल्यू 317 करोड़ रुपये तक का है. वाकया कुछ यूं हुआ कि सूरत की कमरेज पुलिस ने हाइवे पर डिकरी एजुकेशन ट्रस्ट के एंबुलेंस को रोका. यह एंबुलेंस अहमदाबाद से मुंबई जा रही थी. रोकने के बाद छानबीन शुरू हुई तो उसमें से 6 बक्से मिले. बक्से की जांच के बाद 25 करोड़ के जाली नोट बरामद हुए.
मंगलवार को पुलिस ने खुलासा किया कि 25 करोड़ के जाली नोट का फेस वैल्यू 316 करोड़ 98 लाख रुपये है. पूरे मामले का मास्टरमाइंड विकास जैन नाम का एक शख्स बताया जा रहा है जिसे मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा पांच अन्य आरोपियों को दबोचा गया है. सूरत पुलिस को एक मुखबीर से एंबुलेंस में जाली नोट ले जाने की खबर मिली थी. इसके बाद कमरेज पुलिस ने एंबुलेंस को इंटरसेप्ट किया और जाली नोटों की बरामदगी हुई.
ऐसे चलता था काला धंधा –
जिस एंबुलेंस से जाली नोट मिले, वह डिकरी एजुकेशन ट्रस्ट का है. यह ट्रस्ट जामनगर का है. पुलिस ने एंबुलेंस के चालक को भी गिरफ्तार किया है. इसका नाम हितेश पुरुषोत्तम भाई कोटडिया है. एंबुलेंस में से 25 करोड़ के जाली नोट मिले, जबकि ड्राइवर के घर से 52 करोड़ रुपये के जाली नोट बरामद किए गए. हितेश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड विकास जैन है जो मुंबई में रहता है. विकास जैन वीआरएल लॉजिस्टिक्स अंगडिया कंपनी का मालिक है जो मुंबई से चलती है. ड्राइवर हितेश ने गिरफ्तारी के बाद और भी कई राज उगले जिसके बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई.
जाली नोटों का फिल्मी कनेक्शन –
मामले की जांच कर रहे एसपी हितेश जॉयसर ने आगे खुलासा किया कि जब भी विकास जैन ट्रस्ट को दान देने के लिए किसी के साथ सौदा करता था, तो वह दान राशि का दस प्रतिशत अग्रिम बुकिंग के रूप में लेता था. जैन के गिरोह ने राजकोट के एक कारोबारी से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी की है. एंबुलेंस चालक हितेश ने पुलिस को बताया कि एंबुलेंस से बरामद नकली नोट फिल्मों की शूटिंग में इस्तेमाल होने वाले पैसे हैं. विकास जैन के देश के कई राज्यों में कार्यालय हैं और उनके माध्यम से उसने ट्रस्ट का गलत इस्तेमाल किया और नकली नोटों को असली नोट के रूप में बुक करने के नाम पर लाखों रुपये वसूल किए. विकास जैन ने न सिर्फ गुजरात बल्कि मुंबई, दिल्ली, इंदौर और बेंगलुरु में भी अपना पूरा नेटवर्क खड़ा कर लिया था.
रिवर्स बैंक सुर्खियों में –
अब तक हम रिजर्व बैंक ही सुनते आए हैं, लेकिन सूरत फेक नोट केस ने रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया को सुर्खियों में ला दिया. दरअसल सूरत में पकड़े गए नकली नोटों पर रिजर्व बैंक के बदले रिवर्स बैंक ही लिखा था. खास बात ये भी है कि नोट पर ‘फॉर मूवी परपस’ लिखा हुआ था, यानी इन नोटों का उपयोग फिल्मों में किया जाना था. पुलिस की जांच में पता चला है कि विकास जैन गिरफ्तार हुए आरोपियों को जाली नोट सप्लाई किया करता था. जैन कूरियर ऑफिस चलाता था जिसके दफ्तर गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और दिल्ली में चलाए जाते हैं. जैन उत्तर भारत के अलग-अलग शहरों में छपे जाली नोटों को अपने पास मंगाता था और उसे कूरियर सर्विस के जरिये मुंबई में सप्लाई करता था. उसने मुंबई में जाली नोटों को रखने के लिए एक गोदाम भी बनाया था.