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BREAKING : अजित पवार के गुट को चुनाव आयोग ने असली NCP माना, शरद पवार को तगड़ा झटका

BREAKING: Election Commission considered Ajit Pawar’s group as the real NCP, a big blow to Sharad Pawar.

डेस्क। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. कारण, चुनाव आयोग ने अजित गुट को हीअसली एनसीपी करार दिया है. चुनाव आयोग ने कहा कि तमाम सबूतों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है. चुनाव आयोग का कहना हैकि अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार है. हालांकि आयोग ने शरद पवार को नई पार्टीके गठन के लिए तीन नाम देने को कहा है. ये नाम बुधवार शामबजे तक देने होंगे

6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा करते हुए अजीतपवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है. आयोग ने अपने फैसले में याचिका की रखरखाव के निर्धारित परीक्षणों का पालनकिया, जिसमें पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी दोनोंबहुमत के परीक्षण शामिल थे

चुनाव आयोग के मुताबिक शरद पवार गुट समय पर बहुमत साबित नहीं कर सका, इसके चलते चीजें उनके पक्ष में नहीं गईं. महाराष्ट्र सेराज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए शरद पवार गुट को चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम39AA का पालन करने के लिए विशेष रियायत दी गई हैं. उन्हें 7 फरवरी शाम तक नई पार्टी गठन के लिए तीन नाम देने को कहा गयाहै.

अजित पवार गुट के लिए कई वकीलों ने दलीलें रखीं. इनमें मुकुल रोहतगी, नीरज कौल, अभिकल्प प्रताप सिंह (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) के साथसाथ श्रीरंग वर्मा, देवांशी सिंह, आदित्य कृष्णा, यामिनी सिंह शामिल हैं.

पिछले साल अजित की बगावत से दो फाड़ हुई एनसीपी

बता दें कि पिछले साल अजित पवार ने बगावत करते हुए एनसीपी दो फाड़ कर दी थी. उन्होंने महाराष्ट्र में शिंदे सरकार को समर्थन देदिया था. अजित के साथ कई विधायक भी सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाद अजित ने पार्टी पर अधिकार का दावा किया थाऔर अपने गुट को असली एनसीपी बताया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भी अजिट गुट को असली एनसीपी करार दे दिया था. इस फैसले को शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. वहीं अब चुनाव आयोग ने भी अजित गुट को ही असली एनसीपी बताते हुएशरद पवार को बड़ा झटका दिया है.

कैसे तय होता है पार्टी का असलीबॉसकौन? –

किसी पार्टी का असलीबॉसकौन होगा? इसका फैसला मुख्य रूप से तीन चीजों पर होता है. पहलाचुने हुए प्रतिनिधि किस गुट केपास ज्यादा हैं. दूसराऑफिस के पदाधिकारी किसके पास ज्यादा हैं और तीसरासंपत्तियां किस तरफ हैं. लेकिन किस धड़े को पार्टीमाना जाएगा? इसका फैसला आमतौर पर चुने हुए प्रतिनिधियों के बहुमत के आधार पर होता है. मसलन, जिस गुट के पास ज्यादासांसदविधायक होते हैं, उसे ही पार्टी माना जाता है. एनसीपी और शिवसेना में इसी आधार पर फैसला किया गया है.

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