
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के तमाम बड़े नेता रविवार की पूरी रात वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय की तलाश में लगे रहे। नेताओं ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया फिर भी संपर्क नहीं हो पाया। साय अब सोमवार की सुबह कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच सामने आयेंगे और करीब 10.30 बजे कांग्रेस में शामिल होकर भाजपा पर ताबड़तोड़ हमले करेंगे।
तीन बार के सांसद, तीन बार के विधायक, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, अविभाजित मध्य प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष, जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे साय ने रविवार की शाम पार्टी से इस्तीफा दिया तो प्रदेश नेतृत्व ने इसे उतनी गंभीरता से नहीं लिया। नेताओं को लग रहा था कि नाराज नेता को मना लिया जाएगा। जब सोशल मीडिया पर साय के कांग्रेस प्रवेश की खबरें चलने लगी तो भाजपा का प्रदेश नेतृत्व सन्न रह गया और तत्काल डैमेज कंट्रोल में जुट गया। तमाम बड़े नेताओं ने एक-दूसरे से फोन पर बात की और सभी साय से संपर्क स्थापित करने में जुट गए। साय का मोबाइल बंद था।
जब साय फोन पर नहीं मिले तो भाजपा नेताओं ने उनके देवेन्द्र नगर स्थित बंगले का रुख किया। पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे एक व्यक्ति को रात में सबसे पहले साय के बंगले की ओर रवाना किया गया। वहां तगड़ी सुरक्षा-व्यवस्था देखकर वे उल्टे पांव लौट आए। उन्होंने वहीं से फोन पर सारी हकीकत बयान कर दी। इसके बाद देररात प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय बंगले पर पहुंचे। उन्हें भी साय नहीं मिले। अलबत्ता उनके बेटे से मुलाकात हुई। दोनों भाजपा नेता करीब 2 घंटे बंगले में बेटे के साथ रहे और पिता से संपर्क कराने का आग्रह करते रहे। मोबाइल बंद होने के कारण बेटा भी अपने पिता से संपर्क नहीं करा पाया। अंततः दोनों नेताओं को बैरंग लौटना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक साय दिल्ली में हैं। हफ्तेभर पहले उनकी राहुल गांधी से मुलाकात हो चुकी है। कांग्रेस नेताओं से उनकी बातचीत करीब दो माह से चल रही थी। वे सुबह रायपुर पहुंचने के बाद विधिवत कांग्रेस में शामिल हो जायेंगे। प्रवेश कार्यक्रम को वजनदार बनाने के लिए सभी मंत्रियों और पदाधिकारियों को राजीव भवन पहुंचने के लिए कहा गया है।