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BIG UPDATE : कर्नाटक का सियासी नाटक जारी, डीके शिवकुमार की 2 टूक, ढाई साल पहले मुझे बनाएं सीएम

BIG UPDATE: Karnataka’s political drama continues, DK Shivakumar bluntly, make me CM two and a half years ago

कर्नाटक का सियासी नाटक अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी आलाकमान अभी सीएम पद को लेकर फैसला नहीं ले पाया है. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही दिग्गज नेता हैं और मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोंक रहे हैं. इस बीच आलाकमान के लिए किसी एक को चुनना बहुत मुश्किल फैसला हो रहा है. सूत्रों का कहना है डीके शिवकुमार भी मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़े हुए हैं.

इस बीच पार्टी में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर भी चर्चा हुई. इस पर भी डीके शिवकुमार ने शर्त जाहिर कर दी है. सूत्रों की मानें तो डीके शिवकुमार का कहना है कि अगर यह एक साझा समझौता है तो भी पहले ढाई साल का कार्यकाल मुझे दिया जाए जबकि दूसरा सिद्धारमैया को. डीके शिवकुमार का कहना है कि मुझे पहला कार्यकाल दिया जाए या फिर मुझे कुछ नहीं चाहिए. मैं उस स्थिति में भी चुप रहूंगा.

अभी 2-3 दिन और लगेंगे?

तमाम रस्साकशी के बीच कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि इस समय पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विचार-विमर्श कर रहे हैं. जब भी कांग्रेस कोई फैसला करेगी हम सूचित करेंगे. अगले 48-72 घंटों में, हमारे पास कर्नाटक में एक नया मंत्रिमंडल होगा.

गौरतलब है कि इस रस्साकशी के बीच डीके शिवकुमार ने अपने समर्थकों और अपने खेमे के विधायकों के साथ दिल्ली में अपने भाई और सांसद डीके सुरेश के आवास पर मुलाकात की है. पार्टी आलाकमान की ओर से कहा जा रहा है कि डीके शिवकुमार सीएम बनने के फैसले पर अड़े हुए हैं. ऐसे में शिवकुमार ने अपने समर्थकों से मुलाकात की है, इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं.

अभी फैसला होना बाकी

दिल्ली में चल रहे इस माहौल के बीच बुधवार को दोपहर में ऐसी खबर भी सामने आई थी कि सिद्धारमैया ही कर्नाटक के नए सीएम होंगे. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान इस नाम पर सहमत था. खबर यहां तक थी कि वे कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. हालांकि थोड़ी देर बाद रणदीप सुरजेवाला ने इन्हें सिर्फ कयासबाजी बताया और कहा कि अभी फैसला होना बाकी है.

शिवकुमार ने खड़गे से की सिद्धारमैया की बुराई

इससे पहले डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे से अलग-अलग मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व को सिद्धारमैया की कमियां गिनाई थीं. सूत्रों के मुताबिक, शिवकुमार ने खड़गे को बताया था कि सिद्धारमैया का पिछला कार्यकाल अच्छा नहीं रहा था. लिंगायत समुदाय भी उनके खिलाफ है. उन्होंने कहा था, अगर सिद्धारमैया को पहले सीएम बनाया जा चुका है, तो अब किसी और को मौका क्यों नहीं मिलना चाहिए.

13 मई को नतीजे आने के बाद अब तक क्या क्या हुआ?

– 13 मई को नतीजे आए. इसमें कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की.

– 14 मई को बेंगलुरु के एक होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में केंद्र से भेजे गए तीन पर्यवेक्षक भी मौजूद थे. बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास हुआ कि सीएम पर फैसला मल्लिकार्जुन खड़गे करें. हालांकि कुछ विधायकों ने इस दौरान अपनी निजी राय भी बताई.

– 15 मई को पर्यवेक्षक दिल्ली पहुंचे और मल्लिकार्जुन खड़गे को रिपोर्ट सौंपी. पार्टी ने दोनों नेताओं शिवकुमार और सिद्धारमैया को दिल्ली बुलाया. पार्टी आलाकमान की देर रात तक बैठक चली, इसमें सीएम के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी.

– सिद्धारमैया 15 मई को दोपहर में दिल्ली पहुंचे. शिवकुमार ने खराब तबीयत का हवाला देते हुए दिल्ली आने से इनकार कर दिया.

– डीके शिवकुमार 16 मई को दिल्ली पहुंचे. खड़गे के आवास पर बैठक हुई. राहुल गांधी भी इसमें मौजूद थे. इसके बाद खड़गे ने शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ अलग अलग बैठक की.

– इसके बाद आज यानी 17 मई को दोनों नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की है और अभी तक किसी एक नाम के फैसले पर आलाकमान नहीं पहुंच पाया है.

दिल्ली में बैठकों का दौर

तब से दिल्ली में बैठकों का दौर ही जारी है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे. उधर, कर्नाटक में जीत हासिल करने वाले कुछ कांग्रेसी विधायक मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे थे.

कांग्रेस ने BJP को किया सत्ता से बेदखल

आपको बताते चलें कि कर्नाटक में 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की और बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया. कांग्रेस ने चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था. ऐसे में चुनाव के बाद पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सीएम पद के लिए दावेदारी की थी. इसके बाद आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया था. चार दिन के मंथन और कई दौर की बातचीत के बाद भी नाम पर आम सहमित नहीं बन पाई.

कांग्रेस ने जीतीं 135 सीटें

राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 66 सीटें मिलीं तो जेडीएस को मात्र 19 सीटें ही मिल सकीं. इसके अलावा चार सीटें अन्य ने जीतीं.

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