रायपुर: राज्य में 50 नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें 11 भवनों का निर्माण शुरू करा दिया गया है। 12 स्कूलों के भवन निर्माण के लिए वन संरक्षण अधिनियम के तहत भूमि आबंटन प्रक्रियाधीन है, जबकि शेष 27 स्कूलों के भवन की निर्माण की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भारत सरकार राष्ट्रीय आदिवासी शिक्षा समिति के समक्ष प्रक्रियाधीन है। यह जानकारी आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित आवासीय एवं आश्रम संस्थान संचालक मंडल की बैठक में दी गई।
मंत्री डॉ. टेकाम ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के 16 आदिवासी विकासखण्डों में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्थापना के लिए विकासखण्ड की कुल साक्षरता एवं अनुसूचित जनजाति साक्षरता दर की जानकारी के साथ पुन: प्रस्ताव भारत सरकार जनजातीय मंत्रालय को भेजा जाए। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक भवनों में संचालित हो रहे एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में पर्याप्त स्थान के लिए पोटाकेबिन प्री-कास्ट स्ट्रक्चर बनाने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा जाए।
बैठक में बताया गया कि शिक्षण सत्र 2022-23 में प्रदेश में संचालित 73 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से 41 स्कूलों की सीबीएसई संबद्धतापूर्ण कर ली गई है, 39 स्कूलों की संबद्धता प्रक्रियाधीन है। इन संचालित स्कूलों में शिक्षण सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में 4380 सीट के लिए 27,397 आवेदन प्राप्त हुए और 25,025 बच्चे परीक्षा में शामिल हुए। सीबीएसई पाठ्यक्रम से अध्यापन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। शिक्षण सत्र 2022-23 से प्रदेश में संचालित सभी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं में प्रवेशित विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन कराया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में सीजी बोर्ड में कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम 98 प्रतिशत और कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 92.60 प्रतिशत रहा है। सीबीएसई वर्ष 2021-22 में कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम 93.32 और कक्षा 12वीं का 45.47 प्रतिशत रहा। वर्ष 2021-22 में एकलव्य विद्यालयों से जेईई मेन्स में शामिल 116 विद्यार्थियों में से 69 ने क्वालीफाईड किया और 47 विद्यार्थी जेईई एडवांस परीक्षा में शामिल हुए।