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24 साल देश की सुरक्षा में सेवा दे कर सेवानिवृत्त हुए जवान का किया गया जोशीला स्वागत

A warm welcome was given to the retired soldier after serving in the security of the country for 24 years.

रामकुमार भारद्वाज

फरसगांव। फरसगांव ब्लॉक के ग्राम नीराबेड़ा में रहने वाले पूर्व सैनिक  बलदेव राम नेताम भारतीय सेना से 24 वर्ष सेवा करके सेवानिवृत्त होकर अपने वर्तमान गांव फरसगांव और गृहग्राम में लौटने पर उनके परिजनों और भूतपूर्व सैनिक और ग्रामीणों ने बस्तर की लोक परम्परा मांदारी नृत्य के धुन से नाचते कूदते आतिशबाजी के साथ भव्य रुप से स्वागत किया उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े ।

बलदेव राम नेताम पिता 1998 में सेना में भर्ती हुए थे जो 30 अप्रैल 2022 में रिटायर हो गए। रिटायर होने के बाद अपने गांव फरसगांव मे पहुंचे तो परिजनों और ग्रामीणों ने सम्मान समारोह आयोजित करके सेना के जवान बलदेव राम नेताम का अभिनंदन किया। बस स्टैंड से उनके निवास स्थान तक बाजे-गाजे के धुन में हर्षोल्लास के साथ जुलूस निकाला गया। लोगों ने फूलों की वर्षा करते हुए जवान का स्वागत किया । इस बीच पूरा गांव भारत माता के जय और वंदे मातरम के नारों से गूंजता रहा ।
जवान ने इस तरह अपना स्वागत सत्कार देखकर ग्रामवासियों से मिलकर खुश व भावुक नजर आए। जवान ने कहा की वह 24 साल तक देश सेवा करने के बाद अब गांव में विकास के लिए कार्य करूंगा, सेवानिवृत्त होने के बाद वे अब वे क्षेत्र के नवजवानों को सेना में जाने के लिए प्रेरित करते हुए इन्हें निशुल्क प्रशिक्षण देने की बात कही।

–1998 कारगिल युद्ध के समय सेना में हुए भर्ती–

– पूर्व सैनिक बलदेव राम नेताम 28 अप्रैल 1998 में भारतीय थल सेना में 15 महार रेजीमेंट में भर्ती हुए और ट्रेनिंग के पश्चात ही 1999 में कारगिल युद्घ में छिड़ गया था और उन्हें कारगिल में पोस्टेड कर दिया गया जंहा उन्होंने अपनी अदम्य साहस से कारगिल युद्ध मे अपनी मातृभूमि की रक्षा की। इसके साथ ही अमरनाथ यात्रा में तीन वर्ष तक अपनी सेवाएं दी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर, असम, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, सिक्किम और  पंजाब में भी अपनी सेवाएं दी और गलवान घाटी , भारत- चीन सीमा में तनाव की स्थिति में उपस्थित थे और अपनी मातृभूमि की रक्षा की।

 

–भर्ती में शामिल होने नही थे पैसे, अपने दो शिक्षकों से 50-50 रुपय मांगकर दोस्तो के साथ गया रायपुर–

बलदेव नेताम ने बताया की वह फरसगांव के हाई स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे जब रायपुर में सेना की भर्ती चल रही थी , उसके पास भर्ती में जाने के लिए पैसे नहीं थे तब उसके अपने शिक्षक महेंद्र पांडे और मरावी सर से 50 – 50 लेकर अपने दोस्तो के साथ कुल 21 लोग रायपुर में चल रहे सेना की भर्ती में शामिल होने गया और कुल 21 युवकों में मात्र बलदेव नेताम ही चयनित हुआ । अगर उस दिन उनके शिक्षको ने उन्हें पैसा नही दिया होता तो शायद वे सेना की भर्ती में शामिल नहीं पाते । इस बलदेव नेताम ने कहा की ऐसे बहुत से योग्य युवा लोग हैं जो अपने आर्थिक तंगी और गरीबी के चलते बहुत से भर्ती या नौकरी में शामिल नही पाते सभी को ऐसे लोगो की मदद करनी चाहिए । मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी की ऐसे युवा जो योग्य है उनकी हर स्तर पर मदद कर सकूं । बलदेव एक किसान के घर का था और उनके घर में वे पहले व्यक्ति हुुए जो किसी सरकारी नौकरी में शामिल हुए।

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