आन्दोलन के लिए राजधानी आए पुलिस परिवारों की रात सज़ा की तरह गुजरी- महिलाएं-बच्चे मच्छरों गन्दगी से बेहाल

रायपुर: बस्तर, रायगढ़, बिलासपुर जैसे शहरों से रायपुर पहुंची महिलाओं की मांग है कि इनके पतियों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए, पुलिस विभाग में उन्हें नियमित नौकरी दी जाए, रिटायरमेंट- पेंशन और अनुकंपा नियुक्ति के नियम लागू किए जाएं। सोमवार की सुबह इन्हीं मांगों को लेकर ये महिलाएं PHQ घेरने पहुंची थीं। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। विरोध प्रदर्शन के बाद सप्रे स्कूल में बनाए अस्थाई जेल में महिलाओं का दिन बीता। रात भी इसी कैंपस में बितानी पड़ी। यह सभी महिलाएं बस्तर, रायगढ़, बिलासपुर जैसे शहरों से रायपुर पहुंची हुई थीं। यहां किसी को जानती भी नहीं थीं। खाने का बंदोबस्त तक करने में दिक्कत हुई।
महिलाओं की मांग है कि इनके पतियों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए, पुलिस विभाग में उन्हें नियमित नौकरी दी जाए, रिटायरमेंट- पेंशन और अनुकंपा नियुक्ति के नियम लागू किए जाएं। सोमवार की सुबह इन्हीं मांगों को लेकर ये महिलाएं PHQ घेरने पहुंची थीं। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
रात होते ही गंदगी और मच्छरों ने महिलाओं को काफी तंग किया। जहां इन्हें रखा गया था वहां निगम ने शहर से फ्लेक्स उखाड़कर फेंके थे, इसे ही बिछाकर बच्चों को उस पर सुलाया। किसी के पास चादर थी तो बच्चों को ओढ़ाया किसी ने अपने आंचल से ही मच्छरों से बचाने बच्चों को ढंक लिया। कुछ देर बाद पीने के पानी के लिए एक टैंक आया। इसका पानी और गंदगी बहकर वहां आ गई, जहां महिलाएं सो रही थीं। आधी रात ये सभी नया बस स्टैंड जाने को मजबूर हुईं, फिर वहां जाकर रात काटी।
परिजनों की मांग- सरकार के प्रतिनिधि आकर मिलें
इन महिलाओं के साथ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे उज्जवल दीवान ने कहा कि पुलिस अगर अपनी कस्टडी में किसी को रखती है तो उसके खाने-पीने का भी बंदोबस्त करती है। यहां महिलाएं और छोटे बच्चे हैं, मगर प्रशासन ने किसी का ध्यान नहीं दिया।
दीवान ने कहा कि हम जैसे तैसे अपने स्तर पर व्यवस्था कर रहे हैं। महिलाएं डीजीपी अशोक जुनेजा से मुलाकात करने की मांग करती रही, मगर कोई जिम्मेदार इनसे मिलने नहीं आया। सहायक आरक्षक के इन परिजनों की मांग है कि सरकार का प्रतिनिधि आकर मिले और गंभीरता से बात सुनें। मंगलवार को भी महिलाएं रायपुर में ही रुकी हुई हैं।