उत्तराखंड में आफत बनकर बरस रही बारिश: अब-तक पांच लोग की मौत, आइटीबीपी जवान भी लापता
हल्द्वानी। कुमाऊं में दो दिन से लगातार हो रही भारी वर्षा शुक्रवार को जानलेवा साबित हुई। घरों में मलबा घुसने और गौशाला पर पेड़ गिरने से पिथौरागढ़ व चंपावत जिले में तीन महिलाओं की सांसे थम गई, जबकि एक किशोर लापता हो गया। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में पेट्रोलिंग पर निकला आइटीचीपी जवान व पोर्टर भी लापता हैं। सितारगंज के ग्राम कौंचा अशरफ निवासी गुरनाम सिंह चारा काटने के दौरान कैलास नदी में गिर गया। उसका भी पता नहीं चल पाया। हल्द्वानी व अल्मोड़ा में नालों में बहने से युवक व बुजुर्ग की मौत हो गई।
छह जिलों में आज भी स्कूल बंद
भूस्खलन की जद में आए रानीखेत के गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय को बंद करना पड़ा है। यहां भर्ती 21 मरीजों को आसपास के स्वास्थ्य केंद्र व निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर व उत्तरकाशी जिले के स्कूल शनिवार को भी बंद रहे। पर्वतीय इलाकों में नदी-नाले उफान पर हैं। 100 से अधिक सड़के मलबा आने से बाधित हैं। मौसम का असर चारधाम यात्रा पर भी रहा। भूस्खलन के चलते सोनप्रयाग से 100 तीर्थयात्री ही केदारनाथ धाम के लिए पैदल रवाना किए जा सके। सुरक्षा के मद्देनजर लगभग 2,400 तीर्थयात्री सोनप्रयाग में रोके गए।
हेली सेवा से भी दो चक्कर में 10 यात्री ही भेजे जा सके। गंगोत्री हाईवे बंदरकोट के पास बंद है। चमोली जिले में कमेड़ा के पास अवरुद्ध बदरीनाथ हाईवे 24 घंटे बाद खुला। इसके बाद हाईवे के दोनों ओर फसे 2,500 से अधिक यात्रियों को रवाना किया गया।