Patanjali Ads Case: पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 अप्रैल) को बाबा रामदेव के दूसरे माफीनामे को खारिज कर दिया. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा कि मामले पर जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया है, कार्रवाई के लिए तैयार रहें. साथ ही कहा कि ‘हम अंधे नहीं हैं.’ कोर्ट ने कहा कि हम आपका माफीनाम स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
5 पॉइंट में जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
1. जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं, इसको किसने तैयार किया है? मुझे तो आश्चर्य है. जस्टि कोहली ने कहा कि वैसे भी हम इस पर फैसला करेंगे, हम इसको जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना मान रहे हैं. इस हलफनामे को ठुकराते हैं, ये सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है. हम अंधे नहीं हैं, हमें सब दिखता है.
2. इस पर सोलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि लोगों से गलतियां हो जाती हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गलती होती है तो सजा भी मिलती है. उन्हें भुगतना भी पड़ता है, उन्हें तकलीफ भी उठानी पड़ती है.
3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्रग्स लाइसेंसिंग अधिकारियों को अभी सस्पेंड किया जाए. ये लोग दबदबा बनाते हैं और इसे स्वीकार भी कर लिया जाता है. अदालत का मखौल बनाया जा रहा है. इनका कहना है कि विज्ञापन का उद्देश्य लोगों को आयुर्वेदिक दवाओं से जोड़े रखना है, मानो ये दुनिया में आयुर्वेदिक दवाएं लाने वाले पहले शख्स हों.
4. ड्रग्स विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर मिथिलेश कुमार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए, क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई हो. लोग मर जाएं आप बस वार्निंग देते रहें. आपने बहुत नौकरी कर कर ली. अब घर पर बैठिए. अभी बुद्धि नहीं आई है.
5. जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम एक आदमी को माफ कर दें. उन सभी लोगों का क्या जिन्होंने आपकी दवा खाई थी. उनके बारे में क्या जिनके बारे में कहा गया था कि ये बीमारी दूर कर देंगी, जबकि इनका इलाज ही नहीं हो सकता था.