CG BIG NEWS : पार्टी ने शहरी क्षेत्रों में भी किया खराब प्रदर्शन – टीएस सिंहदेव
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CG BIG NEWS: Party performed poorly even in urban areas – TS Singhdev
सरगुजा। पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की तुलना क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल में भारत की हार से की। उन्होंने कहा कि भारत ने सभी मैच जीते लेकिन अंतिम मुकाबला हार गए। उन्होंने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि नेतृत्व एक होकर सामूहिक रूप से काम कर रहा था, किसी तरह का कोई बिखराव नहीं था। उन्होंने कहा कि ऐसी बातें कही जा रही हैं कि आदिवासी मतों का बंटवारा हुआ, लेकिन इसका दायरा ‘सीमित’ है, पार्टी ने शहरी क्षेत्रों में भी खराब प्रदर्शन किया है।
कांग्रेस ने स्थानीय निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन महत्वपूर्ण मुकाबले में हार गए। समाचार एजेंसी के सवाल पर सिंहदेव ने कहा, यह बहुत कुछ इस विश्व कप जैसा लग रहा है जहां हमने अन्य आयोजनों (मैचों) में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन फाइनल नहीं जीत पाए। टीएस सिंहदेव खुद महज 94 वोटों से अंबिकापुर से हार गए हैं।
भूपेश ने अपने लिए मांगा जय सिंह का बंगला और सुरक्षा का लावलश्कर, रमन के ट्वीट से नौकरशाही सकते में.. एकजुट रहना जरूरी है। यह पूछे जाने पर कि क्या शीर्ष नेताओं में एकता से मदद मिलती? इस सवाल पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, बिल्कुल 100 प्रतिशत। एकजुट घर, बंटे हुए घर से कहीं बेहतर होता है। तो क्या यह घर विभाजित है? सिंहदेव ने कहा कि इसके विभाजित होने या न होने का सवाल नहीं है, लेकिन सामान्य तौर पर, हर बार पूरे परिवार का एकजुट रहना जरूरी होता है।
सिंथेटिक एकता जैसी चीजें नहीं चलतीं –
क्या आपके और पूर्व सीएम बघेल के बीच और एकता जाहिर करने से मदद मिलती? इस पर टीएस सिंहदेव ने कहा, यह सिर्फ हमारे बारे में और एकजुटता सिंथेटिक है, इसके बारे में नहीं है। बल्कि जनता आसानी से चीजें देख लेती है। इसलिए सिंथेटिक चीजें नहीं चलती। आपको वास्तव में एक होना होता है और हर प्रयास किए जाने चाहिए, यह सिर्फ हमारे बीच का नहीं है, बल्कि कई लोग हैं और संगठन स्तर पर कई सेट हैं। यह किसी दो व्यक्ति तक सीमित नहीं है और हर स्तर पर यह जरूरी है कि हम एकजुट परिवार हैं।
आदिवासी वोट खिसकने पर दी यह प्रतिक्रिया –
आदिवासी वोटों के बीजेपी की ओर खिसकने के मुद्दे पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी इलाकों में कांग्रेस के नतीजों को अलग से देखने की जरूरत है। जहां 26 सीटों में से पार्टी केवल चार सीटें जीत पाई। बस्तर से चार हैं, सरगुजा से हम एक भी सीट नहीं जीत पाए। सरगुजा में पांच सीटें गैर-आरक्षित हैं, 9 आदिवासी सीटें हैं जबकि बस्तर में 11 आदिवासी सीटें हैं।
दोनों जगह मिलाकर 20 आदिवासी सीटें हैं जिसमें हमने चार जीती हैं। समय-समय पर यहां बदलाव होता रहा है।सिंहदेव ने साथी ही पिछले चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि एक समय था जब बीजेपी ने बस्तर में 12 में से 11 सीटें और सरगुजा में भी इतनी ही सीटें जीती थीं। लेकिन अगले चुनाव में बदलाव आया और कांग्रेस ने बड़ी संख्या में जीत हासिल की।
प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी –
यह पूछे जाने पर कि राज्य में हार के लिए कौन जिम्मेदार है? सिंहदेव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। आप इसे दूसरों पर नहीं थोप सकते। मुझे पहला और एकमात्र व्यक्ति होना चाहिए जिसे अंबिकापुर के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, मुझे सरगुजा कमिश्नरी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, मुझे राज्य के अन्य हिस्सों के लिए भी डिप्टी सीएम के रूप में जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह हर व्यक्ति से शुरू होकर उस पर खत्म होता है तो इसे किसी पर नहीं थोपा जा सकता। चाहे बूथ स्तर पर हो या राज्य स्तर पर हर व्यक्ति जिम्मेदार है।