Trending Nowशहर एवं राज्य

छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के आसार: मौसम विभाग

रायपुर  छत्तीसगढ़ में इस वर्ष बारिश काफी पिछड़ी हुई है और इसका असर धान की फसल के साथ जलाशयों पर भी पड़ा है। गंगेरल बांध में अभी तक केवल साढ़े 18 टीएमसी जलभराव है। यह काफी कम बताया जा रहा है। इसके साथ ही मरूमसिल्ली में डेढ़ टीएमसी, दुधावा में साढ़े छह टीएमसी और सोंढूर में सवा तीन टीएमसी जलभराव है।

हालांकि मौसम विभाग का अनुमान है कि प्रदेश में मानसून अब सक्रिय हो गया है और आने वाले दो दिनों में प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी से अति भारी वर्षा भी हो सकती है। मौसम में ठंडकता बनी रहेगी और उमस से लोगों को राहत रहेगी।

छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदला
वहीं दूसरी ओर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि भले ही बारिश की स्थिति थोड़ी पिछड़ी हुई है, लेकिन धान की फसल के लिए पर्याप्त पानी है। फसल केवल उन्हीं क्षेत्रों में प्रभावित होगी, जहां काफी कम बारिश हुई है। आने वाले कुछ दिनों तक तो मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहने की संभावना है।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में एक जून से लेकर सात सितंबर तक 810.2 मिमी वर्षा हुई है,जबकि सामान्य रूप से 999.5मिमी बारिश होनी चाहिए थी। इस प्रकार प्रदेश में 19 फीसद कम बारिश हुई है। बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1398.1 मिमी बारिश हुई है,जो सामान्य से 19 फीसद ज्यादा है। साथ ही सरगुजा में सबसे कम बारिश 417.7 मिमी हुई है,जो सामान्यसे 61 फीसद कम है।

रायपुर जिले में 1003.3 मिमी बारिश
रायपुर जिले में अभी तक 1003.3 मिमी बारिश हुई है,जो सामान्य से 12 फीसद ज्यादा है। मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अभी तक सुकमा जिले में ज्यादा वर्षा हुई है,जहां 1166.3 मिमी बारिश हुई है। 12 जिलों में सामान्य बारिश और 13 जिलों में कम वर्षा हुई है। साथ ही एक जिले में अति कम बारिश हुई है।

जलाशयों की स्थिति
गंगारेल बांध- 18.954 टीएमसी
मुरूमसिल्ली बांध- 1.733 टीएमसी
दुधावा बांध-6.746 टीएमसी
सोंढूर बांध-3.436 टीएमसी

धान की फसल को नुकसान नहीं
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के डीन कालेज आफ एग्रीकल्चर व फैकल्टी डीन डा. जीके दास ने कहा कि प्रदेश में अभी 800 मिमी से ज्यादा वर्षा हो चुकी है,जो धान की फसल के लिए पर्याप्त है। धान की फसल ऐसी फसल है, जिसमें कुछ दिनों तक पानी नहीं भी गिरा तो विशेष नुकसान नहीं पहुंचता। खेत के अंदर भरा पानी फसल के लिए पर्याप्त रहता है। हालांकि सरगुजा, सूरजपुर, कवर्धा, जांजगीर क्षेत्रों में जहां काफी कम वर्षा हुई है,फसल थोड़ी प्रभावित हो सकती है। अन्य क्षेत्रों में तो धान की फसल को नुकसान नहीं है।

cookies_advt2024_08
advt_001_Aug2024
july_2024_advt0001
Share This: