
भोपाल। राज्य संचालनालय (डायरेक्टोरेट) सतपुड़ा भवन के पश्चिम खंड के तीसरे तल से लेकर छठे तल तक सोमवार शाम चार बजे लगी भीषण आग पर लगभग 24 घंटे बाद मंगलवार शाम करीब चार बजे पूरी तरह काबू पाया जा सका।
आग की वजह से चारों मंजिलों का सामान पूरी तरह खाक हो गया है। स्वास्थ्य विभाग व आदिम जाति विभाग के दस्तावेज, कंप्यूटर, फर्नीचर जलकर राख हो गए हैं। सोमवार की रात करीब दो बजे तक सेना ने भीषण आग को काफी हद तक नियंत्रित किया था और जवान लौट गए थे। उसके बाद भी आग रह-रहकर धधक रही थी।
मंगलवार सुबह आठ बजे तक तीसरे, चौथे व पांचवें तल की आग पूरी तरह बुझा दी गई थी, लेकिन छठे तल से धुआं निकल रहा था। आग बुझाने के लिए 50 दमकलों की मदद लेनी पड़ी। इसमें थलसेना, एयरपोर्ट, आसपास के विदिशा, सीहोर, रायसेन, औद्योगिक क्षेत्र की दमकलें शामिल थीं। आधी रात को इंदौर से भी दमकलें मंगवानी पड़ीं।
भर्ती, पदोन्नति और सेवानिवृति तक होगी प्रभावित
अग्नि दुर्घटना से स्वास्थ्य और जनजातीय कार्य विभाग के कर्मचारियों की भर्ती, पदोन्नति से लेकर सेवानिवृति तक प्रभावित होगी। यहां आग से सब कुछ खाक हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की जांच एजेंसियों में चल रहे प्रकरणों की 300 समेत 10 हजार से अधिक फाइलें जल गई हैं। स्वास्थ्य संचालनालय विभाग में सिर्फ 30 प्रतिशत काम ही आनलाइन था, 70 प्रतिशत काम मैनुअल था। कंप्यूटरों के जलने से उसमें सुरक्षित डेटा भी नष्ट हो गए हैं.
दवा और उपकरणों की खरीदी, विभागीय जांच, न्यायालयीन प्रकरण, शिकायती प्रकरण सहित अन्य दस्तावेज और कंप्यूटर-लैपटाप में रखे डेटा नष्ट होने से स्वास्थ्य विभाग विभिन्न कार्यों में एक वर्ष तक पिछड़ सकता है। हालांकि, गुरुवार से स्वास्थ्य संचालनालय किसी और जगह शुरू करने की तैयारी है। बुधवार तक के लिए सतपुड़ा भवन स्थित कार्यालयों के अधिकारी-कर्मचारियों को छुट्टी दे दी गई है।