8TH PAY COMMISSION : 8th Central Pay Commission approved, Justice Ranjan Prakash Desai will be the chairman
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा की है। सोमवार को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) से जुड़ी औपचारिक प्रक्रिया पूरी करते हुए उसके टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज न्यायमूर्ति रंजन प्रकाश देसाई को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि आयोग को 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। सरकार का लक्ष्य है कि आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू कर दी जाएं।
क्या है टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR)?
सरल शब्दों में, टर्म ऑफ रेफरेंस किसी आयोग के काम करने का दायरा और दिशा तय करता है। यानी, आयोग किन मुद्दों पर काम करेगा, कितने समय में रिपोर्ट देगा और किन बातों का ध्यान रखेगा।
8वें वेतन आयोग के प्रमुख बिंदु –
आयोग को 18 महीनों में रिपोर्ट देनी होगी।
सिफारिशें बनाते समय देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन का ध्यान रखा जाएगा।
विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन की कमी न हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
आयोग को पेंशन योजनाओं की लागत, राज्यों पर असर और सरकारी बनाम निजी कंपनियों के वेतन ढांचे की तुलना करनी होगी।
जरूरत पड़ने पर आयोग अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है।
क्यों अहम है यह फैसला?
हर 10 साल में केंद्र सरकार वेतन आयोग गठित करती है ताकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों की समीक्षा हो सके। अब सरकार ने 8वां वेतन आयोग गठित कर कर्मचारियों को राहत की उम्मीद दी है। माना जा रहा है कि इससे देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को सीधा फायदा मिलेगा।
