2 भाइयों ने रक्षाबंधन का खर्चा निकालने के मकसद से की चोरी, महिला ने पकड़ा तो कर दी उसकी हत्या
धमतरी: पुलिस ने अंतत: जयंती सिन्हा हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। यह हत्या घर में चोरी की नीयत से घुसे दो सगे भाईयों ने की थी। इसमें एक नाबालिक है। न्यायालय में पेश करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक बीते 8 अगस्त को ग्राम देमार में अपनी दो वर्षीय पोती संध्या के साथ जयंती बाई सिन्हा (51) पति ईश्वर सिन्हा थी, तभी किसी ने सील पत्थर से कुचल कर उसकी हत्या कर दी थी। बच्ची की चिल्लाने पर उसे भी जान से मारने का प्रयास किया और घर में रखा 10 हजार नगदी समेत करीब ७0 हजार रुपए मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात चुराकर भाग गया। इस मामले में अर्जुनी पुलिस ने अज्ञात आरोपी के जुर्म दर्ज कर विवेचना में लिया था। इसमें साइबर सेल की भी मदद ली गई। अंतत: पांच दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी पकड़े गए।
पुलिस के अनुसार दोनों भाईयों ने रक्षाबंधन का खर्चा निकालने के मकसद से चोरी करने का प्लान बनाया। इसके तहत वे चोरी करने के इरादे से जयंती सिन्हा के घर में घुस गए। इस दरम्यान उन पर उसकी नजर पड़ गई, फिर क्या था ? डर के कारण उन्होंने जयंती को पकड़ कर एक कमरे में ले गए और उसके मुंह और नाक को दबा कर बेहोश कर दिया। इस दरम्यान बच्ची रोने लगी, तो उसका भी मुंह हाथ से दबा दिया। कुछ देर के बाद जब महिला को होश आया तो सील पत्थर से उस पर प्राणघातक हमला कर दिया, जिससे जयंती बाई की मौके पर ही मौत हो गई। बच्ची संध्या के गर्दन को पकड़ कर उसे भी मारने के लिए जमीन में पटक दिया। चाकू से उसके गाल और ओंठ पर वार किया। इसके बाद बच्ची भी मरा समझ कर दोनों भाईयों ने बड़ी आसानी से पेटी में रखे 10 हजार रुपए नगद तथा 70 हजार को चुराकर फरार हो गए।
पुलिस ने बताया कि दोनों भाईयों ने पास के तालाब के मेड़ में एक गड्ढा खोदकर पर्स समेत सोने-चांदी के जेवरात को दबा दिया और नगदी रकम को अपने पास रख लिया। इसके बाद वे वहां से घर चले आए। मुखबीरों से पता चला कि वे मनमाना पैसा खर्च कर रहे है। सूचना पाकर पुलिस अलर्ट हो गई और उन्हें संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ की इस हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ।
पुलिस ने आरोपी मुकेश बंजारे (21) पिता नरेश बंजारे एवं उसके नाबालिग भाई से सोने-चांदी का गहना बरामद कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 450,302,307,380 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है। इस मामले को सुलझाने में टीआई गगन वाजपेयी, साइबर सेल प्रभारी नरेश बंजारे समेत टीम की भूमिका सराहनीय रही।