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WRESTLERS PROTEST : बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर पहलवानों ने टांगी दर्ज मामलों की लिस्ट

Wrestlers Protest: Wrestlers hang list of cases registered against Brij Bhushan Sharan Singh at Jantar Mantar

डेस्क। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है. अब पहलवानों ने धरने वाली जगह पर एक पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों को दिखाया गया है. पोस्टर में कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर दर्ज 38 मामलों का जिक्र है. उधर, बृजभूषण के खिलाफ FIR की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. इससे पहले बुधवार को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

दरअसल, पहलवान तीन महीने में दूसरी बार धरने पर बैठे हैं. इससे पहले पहलवानों ने जनवरी में भी धरना दिया था. हालांकि, तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं.

इसके साथ ही पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाकर FIR दर्ज करने की मांग की है. 7 महिला पहलवानों ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस में बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. पहलवानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने मामले में अब तक FIR दर्ज नहीं की. ऐसे में पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

पीटी उषा के बयान पर पहलवानों का पलटवार

वहीं, पहलवानों के धरने पर भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा, मारा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए IOA की एक समिति और एथलीट आयोग है. सड़कों पर जाने के बजाय उन्हें (पहलवानों को) हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन वे IOA में नहीं आए. पीटी उषा ने कहा, वे इस बात पर अड़े हैं कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे धरना खत्म नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, थोड़ा तो अनुशासन होना चाहिए. हमारे पास न आकर वे सीधे सड़कों पर चले गए हैं, यह खेल के लिए अच्छा नहीं है.

उधर, पीटी उषा के बयान पर पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, मैं पीटी उषा का सम्मान करती हूं. उन्होंने हमें प्रेरित किया है. लेकिन मैं मैडम से पूछना चाहती हूं कि महिला पहलवान आगे आई हैं, उन्होंने उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है. क्या हम विरोध भी नहीं कर सकते? आईओए समिति में हमने अपने बयान दिए. आईओए समिति के सदस्य भी रो पड़े थे. उन्होंने आश्वासन दिया था कि कार्रवाई की जाएगी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

गीता फोगाट ने कहा, जिस इंसान पर इतने संगीन आरोप लगे हों उन पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है और पीटी उषा आप खिलाड़ियों को अनुशासनहीन बता रही है एक महिला और खिलाड़ी होने के नाते आपसे तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी. यह बेहद ही शर्मनाक है.

कौन कौन पहलवान दे रहे धरना?

धरना देने वाले पहलवानों में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

बजरंग पूनिया- टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता हैं. उन्होंने कॉमनवेल्थ 2022 में गोल्ड जीता था. बजरंग पूनिया कॉमनवेल्थ गेम्स में 2 गोल्ड समेत 3 मेडल जीत चुके हैं. पूनिया वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में 4 मेडल जीत चुके हैं. बजरंग ने 2013 और 2019 के चैम्पियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था. वहीं 2018 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में वह सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे थे.

साक्षी मलिक- रियो ओलंपिक पदक विजेता हैं. साल 2014 में हुए ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 58 किग्रा वर्ग में साक्षी ने रजत पदक जीता था. साक्षी ने इसके बाद साल 2015 में दोहा में हुई सीनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में 60 किग्रा में कांस्य पदक जीता था.

विनेश फोगाट- एशियाड और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप विजेता हैं. वे हरियाणा के भिवानी जिले से आती हैं. एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट पहली महिला भारतीय पहलवान हैं. वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा था.

सुमित मलिक- राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेता.

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