नई दिल्ली। कनाडा सरकार ने मल्टीपल एंट्री वीजा पर अपनी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए दस साल वाला पर्यटक वीजा जारी करना बंद कर दिया है। इससे कनाडा आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आखिर कनाडा सरकार ने ऐसा क्यों किया, इसको लेकर कई कारण सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक,इस बदलाव के पीछे की पहली वजह राजनीतिक संकट से जूझ रहे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आवास की कमी बताई जा रही है।
ट्रूडो सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
जीवनयापन की उच्च लागत और घटती अनुमोदन रेटिंग पर जनता के गुस्से को कम करने के लिए भी ऐसा किया गया है। ट्रूडो ने इससे पहले एलान भी किया था कि वह अस्थायी और स्थायी आप्रवासन दोनों को कम कर रहे हैं।
इमिग्रेशन मंत्री ने दिया था बयान
साथ ही पिछले महीने, इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा था कि कनाडा सरकार को देश में अस्थायी अप्रवासन (temporary immigration) के प्रवाह को रोकने के लिए पहले ही जल्द से जल्द कोई कार्रवाई करनी चाहिए थी। जिसके कारण आवास संकट पैदा हो गया है। इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने स्पष्ट किया था कि मल्टीपल वीजाधारक को वीजा की वैधता की अवधि में आवश्यकतानुसार ही किसी भी देश से कनाडा में प्रवेश करने की अनुमति होगी। मार्क मिलर ने आगे कहा, खासकर अस्थायी निवासियों की डिमांड पर हमें शायद थोड़ा जल्द कदम उठाना चाहिए था।
कनाडा की जनसंख्या में बढ़ोतरी
दो साल पहले, जब से ब्याज दरें बढ़ने लगीं, कई कनाडाई लोगों को आवास बाजार से बाहर कर दिया गया। बड़े पैमाने पर आप्रवासन लहर के कारण कनाडा की जनसंख्या भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। अक्टूबर 2025 में संघीय चुनाव निर्धारित है, जिससे यह कनाडा की राजनीति में सबसे विवादास्पद विषयों में से एक बन गया है।
सर्वेक्षणों के अनुसार, बढ़ती संख्या में लोग मानते हैं कि कनाडा में बहुत अधिक आप्रवासी हैं। दृश्यमान अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा अपराधों और नए लोगों के खिलाफ प्रतिक्रिया में बढ़ोतरी हुई है।