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SURAT POLITICS : विवादों में मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत, कांग्रेस ने EC से फिर चुनाव प्रक्रिया शुरू कराने की रखी मांग

SURAT POLITICS: Mukesh Dalal wins unopposed amid controversies, Congress demands EC to start election process again

सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत विवादों में है. कांग्रेस के उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद बाकी बचे 8 उम्मीदवारों के अपनी उम्मीदवारी वापिस लेने के बाद मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए थे. अब इस मामले में कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की है.

कांग्रेस का आरोप है कि अनुचित प्रभाव के जरिए मुकेश दलाल को विजेता घोषित किया गया. कांग्रेस की मांग है कि इस सीट पर नए सिरे से चुनाव कराए जाएं. पार्टी ने दावा किया है कि दरअसल बीजेपी कारोबारी समुदाय से डर गई थी, जिस वजह से उसने सूरत लोकसभा सीट पर मैच फिक्सिंग की कोशिश की.

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अन्याय काल में लघु, छोटे और मझोलो उद्यमियों (एमएसएमई) और कारोबारी समुदाय परेशान है. इनके गुस्से ने बीजेपी को इतना डरा दिया है कि इन्होने सूरत लोकसभा सीट पर मैच फिक्सिंग की. हमारे चुनाव, लोकतंत्र, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान सभी खतरे में है. ये हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है.

कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की और मांग की कि सूरत में चुनाव प्रक्रिया दोबारा कराई जाए. सिंघवी ने चुनाव आयुक्तों से मिलने के बाद कहा कि हमने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि सूरत सीट पर चुनाव को स्थगित किया जाए और जल्द से जल्द दोबारा चुनाव कराए जाएं ताकि एक स्पष्ट संदेश जा सके कि आप इस तरह से गलत प्रभाव डालकर लाभ नहीं उठा सकते. उन्होंने आरोप लगाया कि ये ऐसा मामला नहीं है, जहां मामले पर चुनावी याचिका से फैसला होगा.

उन्होंने कहा कि ये कोई ऐसा मामला नहीं है, जहां मामले पर चुनाव याचिका के जरिए फैसला होगा. सिंघवी ने कहा कि सूरत में चार प्रस्तावकों ने कांग्रेस उम्मीदवार को नॉमिनेट किया था. लेकिन अचानक चारों ने अपने हस्ताक्षरों को झुठला दिया. चारों ने इकट्ठे. ये कोई संयोग नहीं है. हमारा उम्मीदवार कई घंटों तक गुमशुदा था और जब तक वह सामने आए. हमें पता चला कि अन्य सभी उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली. हमारे उम्मीदवार का नामांकन खारिज कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर आप नहीं चाहते कि इस देश में चुनाव नहीं हो और आप चाहते हैं कि सूरत की सीट प्लेट में सजाकर दे दी जाए तो चुनाव कराने की जरूरत ही क्या है?

क्या है पूरा मामला?

सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित किया गया था. इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन एक दिन पहले ही रिटर्निंग ऑफिसर ने रद्द कर दिया था. उनके प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में गड़बड़ियों का हवाला देकर नामांकन रद्द किया गया था.

कांग्रेस के उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होने के बाद बाकी बचे 8 उम्मीदवारों ने भी अपनी उम्मीदवारी वापिस ले ली थी. ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए थे. चुनाव आयोग ने उन्हें जीत का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है. यह पहली बार है जब लोकसभा चुनाव में बीजेपी का कोई सांसद निर्विरोध चुना गया हो.

बता दें कि गुजरात के सभी 26 निर्वाचन क्षेत्रों पर सात मई को वोटिंग होनी है लेकिन सूरत सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार को निर्विरोध विजेता घोषित करने के बाद अब बाकी बची 25 सीटों पर वोटिंग होगी.

गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर मतदान तीसरे चरण में यानी 7 मई को होना है, जिसके लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 19 अप्रैल थी और नामांकन वापस लेने का तारीख 22 अप्रैल है. राज्य की सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस और बीजेपी समेत कुल 11 प्रत्याशियों ने अपना पर्चा भरा था. बीजेपी से मुकेश दलाल, कांग्रेस के निलेश कुम्भानी, बसपा से प्यारेलाल भारती, सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी से अब्दुल हामिद खान, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी से जयेश मेवाडा, लोग पार्टी से सोहेल खान ने नामांकन किया था.

इनके अलावा अजीत सिंह उमट, किशोर डायानी, बारैया रमेशभाई और भरत प्रजापति निर्दलीय चुनावी मैदान में थे. इनके अलावा कांग्रेस ने अपने वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला को भी नामांकन कराया था, लेकिन उसे भी प्रस्तावकों के कारण खारिज कर दिया गया. सूरत लोकसभा सीट पर 1989 से ही बीजेपी का कब्जा रहा है. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई यहां से 5 बार सांसद रहे थे.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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