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तिरछी नजर 👀 : अफसरों के हटाने से भाजपाई गुस्से में…. ✒️✒️

भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने रायगढ़ कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा, बिलासपुर कलेक्टर संजीव झा और कोरबा एसपी उदय किरण समेत 8 अफसरों को हटा दिया लेकिन इसकी भाजपा के भीतर ही तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।बताते हैं कि कोरबा के एक बड़े नेता ने शिकायतकर्ता प्रदेश पदाधिकारी को खूब खरी-खोटी सुनाई है। कोरबा के नेता, उदय किरण को अपने लिए फायदेमंद मान रहे थे। उदय किरण को हटाने के लिए खुद मंत्री जयसिंह अग्रवाल लगे हुए थे। उनकी इच्छा भाजपा नेताओं ने पूरी कर दी। इससे स्थानीय भाजपा नेताओं की नाराजगी स्वाभाविक है।इसी तरह कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा को हटाने स्थानीय स्तर पर भाजपा में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। रायगढ़ के पूर्व विधायक रोशन अग्रवाल के अखबार ने तारण के कार्यप्रणाली की खूब तारीफ की और लिखा कि 8 महीने में रायगढ़ को काफी कुछ देकर गए हैं। संजीव झा को आए कुछ महीने ही हुए थे कि उन्हें भी हटा दिया गया।बिलासपुर के नए कलेक्टर अवनीश शरण भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल के पसंदीदा अफसरों में माने जाते हैं। इन अफसरों को हटाने से भाजपा को कितना फायदा होता है यह तो चुनाव नतीजे आने के बाद पता चलेगा।

हासिए पर गौरीशंकर

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की टिकट कट गई है। चर्चा है कि भाजपा ने कसडोल में उनकी जगह रामेश्वर धीवर का नाम तय किया है।हालांकि अभी इसकी अधिकृत घोषणा नहीं हुई है। चर्चा है कि गौरीशंकर की टिकट के लिए काफी कोशिशें हुई थीं लेकिन समधी रामगोपाल अग्रवाल पर ईडी की रेड से मुश्किलें पैदा हो गई।गौरीशंकर के बेटे नितिन अग्रवाल के आफिस में भी ईडी ने रेड की थी। चर्चा है कि नितिन से ईडी ने पूछताछ भी की है। कांग्रेस सरकार में नितिन का बिजनेस काफी चर्चा में रहा।पार्टी में गौरीशंकर के विरोधी नेता लगातार नितिन और रामगोपाल के बिजनेस से जुड़ी जानकारियां संगठन नेताओं तक पहुंचाते रहे। इसके बाद कोर ग्रुप के सदस्य होने के बावजूद गौरीशंकर को हासिए पर धकेल दिए गए।

वैश्य नेताओं में जंग

सरगुजा भाजपा में एक अलग तरह का विवाद चल रहा है। वैश्य समुदाय के दो नेताओं के बीच इस बात को लेकर खींचतान चल रही है कि प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की देखरेख कौन करेगा?दरअसल, एक आदिवासी और एक महिला प्रत्याशी को पार्टी भरपूर साधन- संसाधन मुहैया कराना चाहती है। ये दोनों वैश्य नेता चाहते हैं कि चुनाव में जो भी खर्च हो, उनके मार्फत ही किया जाए। दोनों के बीच विवाद कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुँच चुका है। अब पार्टी नेता इस विवाद को कैसे सुलझाते हैं, यह देखना है।भाजपा को बेहतर मैनेजमेंट के लिए जाना जाता है खासकर चुनाव के समय भाजपा का प्रबंध देखने लायक रहता है इस समय मैनेजमेंट देखने वाले चुनाव लड़ रहे हैं .

 

टिकट बिकने की चर्चा

भाजपा के कार्यकताओं के बीच अफवाह फैली हुई है कि छत्तीसगढ़ भाजपा में टिकट बिकी है । भाजपा की सूची को कार्यकर्ता ही नहीं पचा पा रहे हैं। भाजपा के धन्ना सेठों को फिर से टिकट मिल गयी। टिकट में किसकी चली है और इतने सीआर में टिकिट का फाइनल हुई है, उस चर्चा ज्यादा हो रही है। इन चर्चाओं से पार्टी के नेता भी सकते में हैं। टिकट बिकने की चर्चा कांग्रेस में ज्यादा होती है । मगर इस बार भाजपा में ज्यादा चर्चा हो रही है। भले ही जीत की संभावनाओं को ध्यान में रखकर टिकट बंटी है, लेकिन इससे निष्ठावान कार्यकर्ता नाराज हैं।

पॉवर मिला तो मुर्दा भी
जिंदा हो जाता है…

दिवंगत पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल ने राजनीतिक उतार-चढ़ाव कई बार देखें पर हौसला कम नहीं हुआ। एक बार अपने समर्थक जी.स्वामी के घर गए तो एक समर्थक ने विद्या भैय्या को बताया कि एक राष्ट्रीय पत्रिका के फ्रंट पेज में आपकी फोटो व स्टोरी छपी है। इस पर विद्या भैय्या ने एक पंच लाइन कहा था कि पावर मिलने पर राजनीति में मुर्दा भी जिंदा हो जाता है। शायद यह पंच लाईन भाजपा में इन दिनों बखूबी फिट हो रही है। 15 साल राज करने वाले भाजपा नेताओं को दो महीने पहले तक रिटायर हो जायेंगे ऐसा समझा जा रहा था । नई पीढ़ी को मौका मिलने के बड़े बड़े दावे किये जा रहे थे लेकिन टिकट वितरण के बाद सारे पुराने दिग्गज नेता फिर से फुल फार्म में आ गये है। टिकट वितरण के पहले रमन और बृजमोहन गुट में एक गुप्त संधि वार्ता की खबर भी चर्चा में है। दिल्ली से आये तमाम बड़े नेताओं ने दोनों गुटों की हितों की रक्षा करने का आश्वासन दिया और टिकट वितरण में इसकी झलक भी देखने को मिली। भाजपा के पुराने दिग्गजों को पॉवर मिल गया है। देखना है आगे-आगे होता है क्या।

कांग्रेस में पंजाबी नेताओं को तव्वजों….

पांच साल कांग्रेस सरकार रहते प्रशासन में पंजाबी लॉबी की चर्चा होती थी इस बार कांग्रेस की राजनीति में भी पंजाबी नेताओं को तवज्जों मिलने की चर्चा है। कुरुद से गुरुमुख सिंह होरा बेमेतरा से आशीष छाबड़ा, रायपुर उत्तर से कुलदीप जुनेजा जगदलपुर से मनप्रीत सिंह गेदूं,राजनांदगांव ,महासमुंद सहित कई सीटों से भी दावेदार जोरदार लाबिंग कर रहे हैं। सामाजिक समीकरणों के चलते कितनों को टिकिट मिलती है देखना है। भाजपा ने एक भी पंजाबी नेताओं को टिकिट नहीं दिया है जिससे नाराजगी है।

सीएम का चेहरा कौन?

भाजपा में सीएम का चेहरा कौन होगा,इस पर कयास लगाए जा रहे हैं। इसमें आधा दर्जन नेताओं डॉ.रमन सिंह, विष्णुदेव साय, रामविचार नेताम,धरम लाल कौशिक, अजय चंद्राकर,अरुण साव का नाम चर्चा में है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को प्रधानमंत्री मोदी के साथ बिलासपुर में खुली जीप में अभिवादन करते देखने के बाद राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे थे कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में अरुण साव को तवज्जों मिलेगा। लेकिन टिकट वितरण सहित कई बड़े मामलों में दरकिनार करने से समर्थकों को धक्का लगा है। बताते हैं कि साव सिफारिश के बाद भी कई नेताओं को टिकट नहीं मिल पायी। साहू समाज को भाजपा अपना वोट बैंक व रणनीति के तहत टिकिट दी है।पार्टी का एक गुट साव को अलग-थलग करने की कोशिश में जुटा हुआ है

परिवारवाद का बखेड़ा

दो परिवार के लोगों को भाजपा में चार टिकट मिलने की चर्चा अंदरूनी तौर पर हो रही है खासकर जयपुर राजा दिलीप जूदेव की बहु रानी और बेटा को टिकट मिलना लोगों को हालत में डाल दिया है कहा जाता है कि बहु रानी के टिकट तो आसानी से मिल गई परंतु स्वर्ग की दिलीप से युद्ध की पत्नी चाहती थी कि बेटा को भी टिकट मिल जाए उनके अनुरोध पर केंद्रीय नेताओं ने कोटा में प्रबल प्रताप को उतार दिया इसके अलावा कई अंदरूनी चर्चाएं भी है इसी तरह विक्रांत सिंह की टिकट वरीयता आधार पर मिल गई है पर और कई ठाकुरों को टिकट मिलना भी चर्चा का विषय बना है।

 

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