Trending Nowशहर एवं राज्य

RAJASTHAN PHONE TAPPING : अशोक गहलोत ने कराई थी फोन टैपिंग, पूर्व OSD लोकेश शर्मा का आरोप, कांग्रेस में खलबली फिर ..

RAJASTHAN PHONE TAPPING: Ashok Gehlot had got phone tapping done, former OSD Lokesh Sharma alleges, panic in Congress again..

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से दो दिन पहले राजस्थान में एक बार फिर ‘फोन टैपिंग’ का जिन्न बाहर आया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD रहे लोकेश शर्मा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 2020 के फोन टैपिंग मामले में कई बड़े खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा, ‘फोन टैपिंग मामले में दिल्ली में क्राइम ब्रांच द्वारा कई बार 8 से 9 घंटे तक गहन पूछताछ के बावजूद मैं अब तक चुप था, लेकिन जो व्यक्ति फोन टैपिंग की घटना के लिए जिम्मेदार था, उसने मुझे मझधार में छोड़ने का फैसला किया. मुझे नतीजे भुगतने के लिए बलि का बकरा बनाया गया.’

लोकश शर्मा ने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत ने उन्हें गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य की फोन रिकॉर्डिंग दी थी. उन्होंने कहा, ‘इससे पहले, मैंने कहा था कि मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से रिकॉर्डिंग मिली थी, लेकिन यह सच नहीं है. अशोक गहलोत ने मुझे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा की ऑडियो क्लिप पेन ड्राइव में दी थी. मुझे इसे मीडिया में जारी करने के लिए कहा गया था. यह कहना गलत है कि अशोक गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश के पीछे बीजेपी का हाथ था. सचिन पायलट राज्य नेतृत्व के बारे में अपनी भावनाओं को पार्टी आलाकमान तक पहुंचाना चाहते थे.’

लोकेश शर्मा के आरोपों के मुताबिक जब सचिन पायलट और उनके करीबी विधायक हाईकमान से मिलने जाने की योजना बना रहे थे, तो उनके फोन टैपिंग पर लगा दिए गए. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत के साथ अपनी कथित बातचीत की रिकॉर्डिंग चला दी. इसमें अशोक गहलोत लोकेश शर्मा से पूछते हैं कि जिस फोन से मीडियाकर्मियों को रिकॉर्डिंग भेजी गई थी, वह नष्ट हो गया है या नहीं. इस पर लोकेश गहलोत से कहते हैं, ‘मैंने मीडिया को बताया कि ऑडियो रिकॉर्डिंग मुझे सोशल मीडिया के जरिए मिली है.’

पूर्व ओएसडी ने कहा, ‘मेरे गुरु (अशोक गहलोत) ने राजनीतिक उद्देश्य के लिए मेरा इस्तेमाल किया. उन्हें लगा कि मैंने फोन नष्ट नहीं किया है. ​फोन टैपिंग में मेरी कोई भागीदारी नहीं थी. 26 नवंबर 2021 को मेरे कार्यालय पर एसओजी की छापेमारी हुई. यह अशोक गहलोत की सच्चाई है कि वह कैसे अपने फायदे के लिए लोगों का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें अकेला छोड़ देते हैं. सचिन पायलट और अन्य लोगों के फोन सर्विलांस पर थे. बंदीबाड़े में रखे गए कई विधायकों के फोन भी सर्विलांस पर थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास पर इस बात पर चर्चा हुई कि गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट की छवि को कैसे खराब किया जाए.’

‘पेपर लीक के आरोपी को बचाने का प्रयास किया गया था’

लोकेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पेपर लीक मामले को लेकर दूसरी कथित फोन रिकॉर्डिंग चलाई. इसमें कथित तौर पर अशोक गहलोत और भंवर लाल शर्मा के बीच की बातचीत थी. लोकेश ने कहा, ‘अशोक गहलोत पेपर लीक मामले में कार्रवाई को लेकर काफी आशंकित थे. आरोपी डीपी जारोली के खिलाफ कार्रवाई को किसी तरह से विफल करने का प्रयास किया गया. मेरे पास जो सबूत हैं, मैं उन्हें वर्तमान सरकार के साथ साझा करने के लिए तैयार हूं. राज्य के लोगों को पूर्ववर्ती सरकार के दोहरे चरित्र के बारे में जानकारी होनी चाहिए. खुले में एक चेहरा और पर्दे के पीछे दूसरा. कोरोना महामारी के दौरान उपकरणों की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ. खनन घोटाला हुआ.’

लोकेश शर्मा ने कहा, ‘पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार (अशोक गहलोत शासनकाल में) के दौरान ग्रामीण और शहरी खेलों में घोटाला हुआ. महिलाओं को मोबाइल फोन बांटने की योजना में घोटाला हुआ था. राजस्थान में अशोक गहलोत की जिद ही है कि वे सोचते हैं कि राज्य में उनके अलावा कोई और मुख्यमंत्री न बने. अशोक गहलोत ने उनका समर्थन करने वाले कांग्रेस आलाकमान को भी धोखा दिया. वह जैसलमेर में तनोट माता मंदिर में दर्शन के लिए गए थे. उन्होंने मुझे फोन करके यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि मीडिया में यह खबर दिखाई जाए कि शांति धारीवाल के आवास पर एकत्र हुए विधायकों में से वह किसी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन सचिन पायलट को नहीं.’

Share This: