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CG CONGRESS : अब रायपुर को मिले महिला नेतृत्व, कांग्रेस में बदलाव की मांग तेज़

CG CONGRESS : Raipur now gets women’s leadership, demand for change in Congress intensifies

रायपुर, 5 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, जो प्रदेश की राजनीति की धुरी मानी जाती है, आज एक अहम सवाल के केंद्र में है – क्या अब समय नहीं आ गया कि रायपुर को पहली बार एक महिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष मिले?

प्रदेश में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात कांग्रेस संगठन वर्षों से करता रहा है, लेकिन राजधानी को आज तक एक भी महिला शहर अध्यक्ष नहीं मिली। यही कारण है कि अब पार्टी के भीतर और बाहर, महिला कार्यकर्ताओं की यह मांग ज़ोर पकड़ रही है कि रायपुर को इस बार महिला नेतृत्व मिलना चाहिए।

कांग्रेस ने फरवरी 2023 में रायपुर अधिवेशन में अपने संविधान में संशोधन कर संगठनात्मक पदों में 50% महिलाओं और 50% युवाओं के लिए आरक्षण लागू किया था। प्रियंका गांधी का नारा “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” पार्टी की नई सोच का प्रतीक माना गया। लेकिन रायपुर जैसे राजनीतिक रूप से प्रभावशाली शहर में यह सोच अब तक हकीकत में नहीं उतर पाई है।

महिला कांग्रेस कार्यकर्ता वर्षों से बूथ से लेकर ब्लॉक स्तर तक संगठन को मज़बूती देती रही हैं, लेकिन शीर्ष पद की जिम्मेदारी आज भी पुरुषों तक सीमित है। महिला नेताओं का कहना है कि यह पार्टी की घोषित नीतियों के विपरीत है और महिलाओं की राजनीतिक हिस्सेदारी को सीमित करता है।

दूसरी ओर, भाजपा ने “महतारी वंदन योजना” जैसी पहलों से महिलाओं के बीच मजबूत जनसंपर्क बनाया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस को भी अब नेतृत्व में महिलाओं को वास्तविक प्रतिनिधित्व देना होगा, ताकि महिला वोटर और कार्यकर्ताओं में भरोसा बढ़े।

पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, राजधानी में किसी सक्रिय और जनाधार वाली महिला को अध्यक्ष बनाने से पूरे प्रदेश में सकारात्मक संदेश जाएगा। इससे न केवल महिला कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि आगामी नगर निगम, विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को ठोस राजनीतिक लाभ मिल सकता है।

महिला कार्यकर्ताओं की स्पष्ट मांग है – “अब रायपुर में कांग्रेस की कमान किसी महिला के हाथ में दी जाए।”

क्योंकि जब महिला नेतृत्व आगे बढ़ेगा, तभी कांग्रेस फिर से मज़बूती से उभरेगी।

 

 

 

 

 

 

 

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