PRIYANKA GANDHI BAG POLITICS : प्रियंका गांधी के ‘बैग पॉलिटिक्स’ पर सियासत तेज
PRIYANKA GANDHI BAG POLITICS: Politics intensifies on Priyanka Gandhi’s ‘bag politics’
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के बैग इन दिनों संसद के शीतकालीन सत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं। प्रियंका गांधी रोजाना नए-नए संदेशों के साथ बैग लेकर संसद पहुंच रही हैं। उनके इन बैग पर लिखे संदेशों के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।
बैग के पीछे की कहानी
10 दिसंबर को प्रियंका गांधी ने संसद में ‘मोदी-अडानी भाई-भाई’ लिखा हुआ बैग लेकर विरोध जताया था। इस दौरान राहुल गांधी ने बैग को क्यूट बताते हुए इसके प्रतीकों की तरफ ध्यान दिलाया।
इसके बाद 16 दिसंबर को प्रियंका गांधी ‘फिलिस्तीन’ लिखा बैग लेकर पहुंचीं। इस बैग पर फिलिस्तीन के समर्थन में प्रतीक और चिह्न बने हुए थे। इस पर सियासत तेज हो गई। बीजेपी ने प्रियंका गांधी पर फिलिस्तीन के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर दिखाने और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमलों की अनदेखी का आरोप लगाया।
आज प्रियंका गांधी एक और नए बैग के साथ संसद पहुंचीं, जिस पर लिखा था – ‘बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हो।’ इस संदेश के जरिए उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के मुद्दे को उठाया।
जयंत चौधरी का तंज और कविता
प्रियंका गांधी के बैग पर लगातार चर्चा के बीच केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने चुटकी लेते हुए एक कविता पढ़ी। यह कविता ब्रिटिश कवि ब्रायन बिलस्टन की है। इसमें कहा गया –
“आपके पास बैग ही बैग हैं, बैग के भीतर बैग हैं। इतने बैग क्यों इकट्ठे किए हैं, जब बैग के भीतर भी बैग ही रखने हैं?”
जयंत चौधरी ने कविता के माध्यम से प्रियंका के ‘बैग पॉलिटिक्स’ पर तंज कसा और इसे कांग्रेस की खोखली राजनीति करार दिया।
सियासी माहौल गरमाया
प्रियंका गांधी के बैग पर लिखे संदेशों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। बीजेपी इसे कांग्रेस का दिखावटी विरोध बता रही है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि प्रियंका गांधी अपने बैग के माध्यम से जनता की आवाज को उठा रही हैं।
प्रियंका गांधी के इन बैग्स से जहां सियासी हलचल तेज हुई है, वहीं सोशल मीडिया पर भी #PriyankaBagPolitics ट्रेंड करने लगा है।