Opposition MP Rahul Gandhi tweeted on the list of unparliamentary words
डेस्क। लोकसभा सचिवालय ने शब्दों की एक लंबी सूची जारी की है जिन्हें अब लोकसभा और राज्यसभा दोनों में असंसदीय माना जाएगा. लोकसभा सचिवालय की एक नई पुस्तिका के अनुसार, ‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’ और ‘स्नूपगेट’ जैसे शब्दों का प्रयोग और यहां तक कि ‘शर्मिंदा’, ‘दुर्व्यवहार’, ‘विश्वासघात’, भ्रष्ट’, ‘नाटक’, ‘पाखंड’ और ‘अक्षम’ को अब से लोकसभा और राज्यसभा दोनों में असंसदीय माना जाएगा. इसी को लेकर तमाम विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया. उन्होंने न्यू इंडिया पर एक तंज कसते हुए लिखा कि, “न्यू इंडिया की न्यू डिक्शनरी. असंसदीय का मतलब चर्चा और बहस में इस्तेमाल होने वाले शब्दों से है, जो पीएम के कामकाज का सही वर्णन करता है, जिसे अब बोलने पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने एक असंसदीय वाक्य का एक उदाहरण भी पेश करते हुए लिखा, “जुमलाजीवी तनाशाह ने अपने झूठ और अक्षमता का खुलासा होने पर मगरमच्छ के आंसू बहाए.” उन्होंने बैन किए गए ‘असंसदीय” शब्दों को बोल्ड में चिह्नित किया.
विपक्षी सांसद सरकार पर भड़के –
राहुल गांधी के अलावा डेरेक ओब्रायन, महुआ मोइत्रा, प्रियंका चतुर्वेदी सहित विपक्षी नेताओं ने भी सरकार आलोचना की है. टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि, “सत्र कुछ दिनों में शुरू होने वाला है. सांसदों पर जारी इस आदेश के बाद अब हमें संसद में भाषण देते समय इन मूल शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. शर्मिंदा, दुर्व्यवहार, विश्वासघात, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम आदि मैं इन सभी शब्दों का प्रयोग करूंगा, मुझे निलंबित करें. लोकतंत्र के लिए लडूंगा”
शिवसेना की राज्य सभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि, “चूंकि इन शब्दों को बोलना असंसदीय माना जाएगा, बस इसे वाह मोदी जी वाह के साथ यहीं छोड़ दें.” वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि, “मोदी सरकार की वास्तविकता का वर्णन करने वाले सभी शब्दों को अब असंसदीय माना जाएगा. आगे क्या बैन करेंगे विश्व गुरु?”
असंसदीय शब्दों की नई सूची में संघी शामिल नहीं- महुआ मोइत्रा –
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि, “बैठ जाइए, बैठ जाइए, प्रेम से बोलिए. संसद के लिए असंसदीय शब्दों की नई सूची में संघी शामिल नहीं है. सरकार विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए उन सभी शब्दों को बैन कर रही है जो ये बताते हैं कि भाजपा कैसे भारत को नष्ट कर रही है.”
संसद में ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का इस्तेमाल किसने किया? –
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “सरकार की मंशा ऐसी है कि जब भ्रष्टाचार करे तो उसे मास्टरस्ट्रोक कहा जाए. ‘2 करोड़ नौकरियां’, ‘किसानों की आय दोगुनी’ जैसी बयानबाजी करने वाले को आप ‘जुमलाजीवी’ नहीं कह सकते. आपको ‘धन्यवाद’ कहना होगा. हमारे किसानों के लिए संसद में ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का इस्तेमाल किसने किया?”
सरकार सच्चाई से डरती है –
आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि, “असंसदीय शब्दों की यह संशोधित सूची अपने आप में असंसदीय है. इससे पता चलता है कि भारत सरकार सच्चाई से डरती है. ‘जुमलाजीवी’ जैसे शब्द असंसदीय हो गए जबकि ‘आंदोलनजीवी’ वहीं रह गया.”
लोकसभा सचिवालय ने जारी की है सूची –
बता दें कि, लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों की इस लिस्ट में जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, शकुनि, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिट्ठू, शर्मिंदा, दुर्व्यवहार, विश्वासघात, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम जैसे कई शब्दों को दोनों सदनों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नई बुकलेट के अनुसार ऐसे शब्दों के इस्तेमाल को अमर्यादित आमचरण का माना जाएगा और ये सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे.
