Operation Sindoor: ‘300 KM दूर से सटीक हमला, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर IAF चीफ ने बताए पांच अनसुने फैक्ट

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Operation Sindoor: नई दिल्ली। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया था। अब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कई खुलासे किए हैं।

Operation Sindoor: उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि इस कार्रवाई में भारत ने कम से कम पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को और एक बड़े सैन्य विमान को मार गिराया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के 100 से ज्यादा आतंकियों क खात्मा हुआ।

पाक के 11 एयरबेस हुए थे तबाह
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार गोलीबारी और ड्रोन अटैक करने की कोशिश की। इसके जवाब में भारत ने सैन्य कार्रवाई कर पाकिस्तान के 11 एयरबेस के रडार सिस्टम, संचार केंद्र और हवाई पट्टियों को नुकसान पहुंचाया। इनमें इस्लामाबाद के पास स्थित नूर खान एयरबेस भी शामिल था।

एयर चीफ मार्शल ने बताया कि इस ऑपरेशन में भारत ने रूसी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल कर 5 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान और एक बड़ा सैन्य विमान गिराया। यह बड़ा विमान संभवत: निगरानी विमान था, जिसे 300 किलोमीटर दूर से मार गिराया गया। यह भारत का अब तक का सबसे लंबी दूरी से किया गया सफल हमला था।

खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया हमला
उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट और एक बड़े विमान को मार गिराया। यह सबसे बड़ी रिकॉर्ड सतह से हवा में मार करने वाली उपलब्धि है।” एपी सिंह ने बताया कि IAF ने सुक्कुर और सरगोधा एयरफील्ड को निशाना बनाया।

उन्होंने बताया कि इस हमले में एक हैंगर, रडार साइट और AWC हैंगर को भारी नुकसान हुआ जिसमें कुछ F-16 विमान मरम्मत के लिए खड़े थे। एयर चीफ मार्शल ने बताया कि यह हमला खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया था और इसमें मुख्य बिल्डिंग भी नष्ट की गई, जहां पाकिस्तान की एयर ऑपरेशंस की योजना बनाई जाती है।

भारत ने 2019 में भी बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। इस बार सरकार ने वीडियो और तस्वीरों के जरिए सबूत भी सार्वजनिक किए हैं। एयर चीफ मार्शल ने कहा, “बालाकोट में हम अंदर से कुछ नहीं दिखा पाए थे, जिससे अपने ही लोगों को समझाना मुश्किल हो गया था। इस बार हमारे पास स्पष्ट तस्वीरें और सबूत थे, जिससे बालाकोट का भूत खत्म हो गया।”

क्यों रोका गया ऑपरेशन?
उन्होंने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन में सरकार ने कोई ऑपरेशनल पाबंदी नहीं लगाई थी। सेना ने अपने नियमों के अनुसार कार्रवाई की और लक्ष्य पूरा होने के बाद संघर्ष रोकने की कोशिश की, ताकि अनावश्यक युद्ध न बढ़े।

 

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