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NAXAL PEACE PROPOSAL : नक्सलियों ने फिर भेजा शांति प्रस्ताव, ऑपरेशन ‘कगार’ के दबाव में बैकफुट पर आए नक्सली

NAXAL PEACE PROPOSAL : Naxalites again sent peace proposal, Naxalites came on back foot under the pressure of Operation ‘Kagar’

रायपुर, 29 अप्रैल 2025। NAXAL PEACE PROPOSAL  छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे सुरक्षा बलों के सघन ऑपरेशन के दबाव में अब नक्सली संगठन बैकफुट पर आ गया है। सात दिनों के भीतर दूसरी बार नक्सलियों की ओर से शांति वार्ता का प्रस्ताव सामने आया है। इस बार यह प्रस्ताव नक्सली संगठन की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता ‘अभय’ की ओर से भेजा गया है।

NAXAL PEACE PROPOSAL  यह पत्र हाल ही में चले करेगुट्टा ऑपरेशन के दौरान भेजा गया है, जिसमें नक्सलियों ने पहली बार यह स्वीकार किया है कि मुठभेड़ में उनके तीन सदस्य मारे गए हैं। पत्र में केंद्र व राज्य सरकारों से बिना शर्त युद्धविराम की मांग करते हुए शांति वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की अपील की गई है।

क्या कहा गया है पत्र में?

प्रवक्ता ‘अभय’ द्वारा जारी इस पत्र में कहा गया है कि जनवरी 2024 से केंद्र और राज्य सरकारों ने ऑपरेशन ‘कगार’ के जरिए बड़े पैमाने पर नक्सली सफाया किया है, जिससे संगठन को भारी नुकसान हुआ है। पत्र में यह भी कहा गया है कि सैकड़ों नक्सली इस ऑपरेशन में मारे गए हैं और यह सिलसिला अब भी जारी है।

नक्सलियों की मांग है कि –

बिना शर्त युद्धविराम की घोषणा की जाए,

ऑपरेशन ‘कगार’ को तत्काल रोका जाए,

वार्ता के जरिए समस्या का हल निकाला जाए।

पत्र में यह दावा भी किया गया है कि ऑपरेशन के खिलाफ जनवादी संगठन, सामाजिक संस्थाएं और कुछ बुद्धिजीवी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इस हिंसा को बंद कर शांति की ओर बढ़ने की जरूरत है।

सरकार की रणनीति से घबरा गया है संगठन

NAXAL PEACE PROPOSAL  विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार जारी ऑपरेशन और सरकार की निर्णायक रणनीति के चलते नक्सली संगठन अब बातचीत की मेज पर आने को मजबूर हो रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी साफ कहा था कि “मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाना हमारा लक्ष्य है।”

NAXAL PEACE PROPOSAL  अब देखना यह होगा कि सरकार इस शांति प्रस्ताव पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती है—क्या वार्ता की संभावना बनेगी या ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा।

 

 

 

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