राहुल गांधी की संसद सदस्यता छिने जाने के बाद से कांग्रेस उग्र है। पार्टी ने इसे राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का जरिया बना लिया है। शनिवार को भी कांग्रेस कार्यकर्ता देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन करेंगे। खबर है कि राहुल गांधी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखेंगे। वहीं भाजपा भी सड़कों पर उतरी है। पार्टी ने मोदी सरनेम के बहाने ओबीसी के अपमान का मुद्दा बुलंद किया है।
राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने की अधिसूचना जारी होते ही राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त हलचल मच गई। कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ कानूनी और राजनीतिक जंग में उतरने का एलान करते हुए भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बेहद तीखा हमला बोला।
राहुल गांधी के बहाने एकजुट हुआ विपक्ष
समूचे विपक्ष ने आपसी सियासी मतभेदों को किनारे रखते हुए राहुल गांधी की सदस्यता खत्म किए जाने को लोकतंत्र के लिए शर्मनाक करार दिया। ममता बनर्जी, शरद पवार, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल से लेकर सीताराम येचुरी तक ने एक सुर में इसे गलत और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, मोदी सरकार को सबसे ज्यादा डर राहुल गांधी और कांग्रेस से लगता है। लोकतंत्र की हत्या करने के लिए उन्होंने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की है। वह सच बोलने वालों का मुंह बंद करना चाहते हैं। देशवासी यह तानाशाही नहीं सहेंगे। लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हम जेल तक जाएंगे।
जानिए क्यों गई राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता
बता दें, सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सुनाई गई दो साल की सजा के 24 घंटे के भीतर ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई। लोकसभा सचिवालय ने राहुल को सजा सुनाए जाने के फैसले के आधार पर 23 मार्च से ही उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी।